मृत्यु

मृत्यु


कुछ मुश्किल और कुछ सरल है
जीवन मीठा एक गरल है
पीना और पिलाना इसको
जीवन सरिता बहता जल है।

उद्गम इसका आसां ना था
भूल भुल्लइयां डगर मिली थी
आशा और निराशा पथ में
साथ संग में सदा चली थी।

निर्गम भी ना होगा आसां
मोह माया का फंदा होगा
हम भागेंगे आगे आगे
मन में लालच फिर भी होगा।

जीवन क्षणभंगुर एक मिथ्या
मृत्यु शाश्वत सत्य अटल है
जीवन एक सफर है अपना
मंजिल मौत का ही तो घर है।

आभार – नवीन पहल – १७.०५.२०२३ 😊😊

# प्रतियोगिता हेतु 


   15
7 Comments

shahil khan

18-May-2023 11:17 PM

Nice

Reply

वानी

18-May-2023 06:52 PM

खूब

Reply

Abhinav ji

18-May-2023 08:46 AM

Very nice 👍

Reply