रक्षक (भाग : 25)
रक्षक भाग : 25
तमस को समझ नही आ रहा था कि रक्षक के पास ये शक्ति कहा से आई। तम किरणे सुरक्षा कवच को भेदकर रक्षक तक नही पहुँच सकी।
"अंधेरा कितना भी घना हो, उजाला कितना भी मद्धिम सा हो, उजाले की एक किरण अंधेरे को चीर देती है।" - रक्षक उठता हुआ अपने हाथ को मोड़ता हुए बोला।
"तुम उम्मीद से थोड़े शक्तिशाली अवश्य हो रक्षक! कोई अदृश्य शक्ति तुम्हारी मदद कर रही है, परन्तु तुम इतने ताकतवर भी नही हो कि हमे कोई परेशानी हो।" - तमस उसकी ओर बढ़ते हुए बोला।
"मुझे तुमसे एक सवाल का जवाब चाहिए तमस! मेरी माँ कहा है!?" - रक्षक उसकी बात को नजरअंदाज करता हुआ बोला।
तमस, रक्षक की बात सुनकर चौंक गया फिर सम्भलते हुए बोला "कौन तुम्हारी माँ? हम नही जानते।"
"तुम सब कुछ जानते हो तमस! तुम्हे यह बताना होगा।" - रक्षक उसपर घूसा मारने की कोशिश करते हुए बोला।
"बच्चो जैसी जिद मत करो रक्षक! युद्ध करने आये हो युद्ध करो।" - तमस एक एक शब्द पर जोर देकर बोला।
"बताना तो तुम्हे पड़ेगा ही तमस! भले ही मेरे हाथों बेदम होने के बाद बताना।" - रक्षक गुस्से से तमस के छाती पर वार करता है, जिससे उसके ऑर्मर में दरार आ जाती है।
"जरूरत से अधिक आत्मविश्वास की आवश्यकता नही है बच्चे! तुम्हारे दुनिया की सारी बड़ी छोटी ताकते मिलकर भी मुझे नही हरा सकती।" - तमस रक्षक के ऊपर पलटवार करते हुए बोला।
"देखेंगे किसका आत्मविश्वास है, किसका अतिआत्मविश्वास!" - रक्षक ने बचते हुए तमस के पैरों पर वार किया।
युद्ध और भयंकर होता जा रहा था। तमस एक महाशक्तिशाली प्राणी था तो रक्षक एक जिद्दी प्राणी! तमस को रक्षक की मौत देखनी थी तो रक्षक को अपनी जीत।
तमस, रक्षक पर काली शक्तियों का बड़ी मात्रा में प्रयोग करने लगा, रक्षक उन शक्तियों को स्वयं में अवशोषित कर ले रहा था। तमस उसे इतनी मात्रा में काली शक्ति को अवशोषित करता देख घबरा गया।
'कही इसे अपनी असलियत का पता तो नही चल गया!!' तमस अपने मन मे विचार करता है। तभी उसको काली शक्तियों से मिश्रित शक्तियों का जोरदार झटका लगता है, वो थोड़ी दूर चला जाता है। अब रक्षक काली शक्तियों का भी प्रयोग कर सकता है। यह देखकर खुद रक्षक और उसके साथी हैरान थे।
"ये कैसे सम्भव है जय! रक्षक काली शक्तियों का प्रयोग कैसे कर पा रहा है?" - जैक ने आश्चर्यचकित होते हुए जय से पूछा।
"यह सवाल मेरे मन में भी तब से है जब रक्षक ने पहली बार undead से उसकी काली शक्तियों को अवशोषित किया था, पर ऐसा कैसे हो सकता है यह जानने का अवसर नही मिला।" - जय ने जैक से कहा।
"शायद यूनिक को कुछ पता हो इस बारे में!" - जॉर्ज आशा भरी नजरों से यूनिक की तरफ देखते हुए बोला।
"नही! मेरे पास भी इस सवाल का जवाब नही है, पर मेरी गणनाओ के अनुसार कोई काली शक्ति का प्रयोग तभी कर सकता है जब उसमे किसी काली शक्तिधारक का अंश हो और लहूपुत्र का कालीशक्तिधारक होना कम विस्मयकारी नही है।" - यूनिक बोला।
"मतलब गुरुदेव की गणनाएं सत्य है, अगर ऐसा है तो…" - जय तपाक से बोल पड़ा।
"क्या जय.? क्या होगा?" - जीवन चौंकते हुए क्रोध से बोला।
"हम कल्पना भी नही कर सकते हैं जीवन, सोचो अगर रक्षक अंधेरे की तरफ हुआ तो हम क्या करेंगे?" - जय अपनी उलझन साझा करता है।
"फिलहाल इसपर ध्यान मत दो जय, सिर्फ इसपर दो की रक्षक उजाले का रक्षक है और वो उजाले की रक्षा में अपनी पूरी जान लगा दे रहा है।" - जैक बोला।
"और मेरी गणनाओ के अनुसार भी रक्षक जी अपने क्रोध स्वरूप के कारण तबाही मचा सकते हैं पर अभी तक उनका क्रोध हर बार अंधेरे पर भारी पड़ा है, इसलिए फिलहाल इस बात से निश्चिंत रहो।" - यूनिक पुनः गणना करते हुए बोला।
"तो हम रक्षक का उत्साहवर्धन करते हैं!" - जॉर्ज बोला।
"हाइला रक्षक! जे कबड्डी खेल रिया से के?" - यूनिक बच्चो जैसे आवाज में हर्ष से चिल्लाया।
"ये रिया कौन है? और उससे तुम्हारा क्या मतलब!" - जीवन गुस्से से बोला।
"थी कोई! अब तुम्हे क्या मतलब!" - यूनिक बोलकर दूसरी तरफ सिर झुका के बैठ गया और अपना वॉइस मोड्यूलर सही करने लगा। जीवन दूसरी तरफ मुँह करके बैठ गया।
"लो इनकी दुश्मनी फिर से शुरू हो गयी, अभी 4 दिन ही तो गुजरे थे शांति से!" - जैक बोला।
रक्षक तमस को कड़ी टक्कर दे रहा था, तमस रक्षक के पास काली शक्तियों को देखकर समझ गया कि उसका अस्तित्व खतरे में है, रक्षक उसकी बातों को न मानकर अपनी एक और महान शक्ति को जागृत कर चुका था।
तमस आकाश के कणों से ठोस का निर्माण कर रक्षक की ओर फेंकता है, रक्षक अपने हाथों से कुछ इशारा करता है और मिट्टी धूल बनकर एक ठोस का रूप धारण करती है और उस ठोस को तोड़ देती है। रक्षक अपनी काली शक्तियों का प्रयोग करता है, अब उसके पास लगभग तमस जितनी ही शक्ति थी पर तमस को हज़ारो वर्षो का अनुभव था जिसके सामने कही न कही रक्षक मात खा जा रहा था।
"तुम काली शक्तियों को जागृत कर यह न समझना रक्षक कि तुमने मुझे हरा लिया, यह शक्ति तुम्हारे विनाश का ही कारण बनेगी।" - तमस रक्षक के उर्जावार से बचते हुए बोला।
"मुझे बहकाने की जरूरत नही है तमस! एक आखिरी बार पूछ रहा हूँ मेरी माँ को कहाँ कैद कर रखा है तुमने?" - रक्षक की आँखे काली हो चुकी थी, उसने तमस पर अपनी पूरी शक्ति का प्रयोग किया, जिससे तमस वहां से काफी दूर जा गिरा।
"तुम हमे मजबूर नही कर सकते बच्चे! तुम्हारी शक्तियां हमारा कुछ नही बिगाड़ सकती।" - तमस, रक्षक पर पलटवार करते हुए बोला।
इन दोनों के द्वंद्व में जेन्डोर ग्रह एक बार फिर टूटने लगा, रक्षक धरती के कोर को पुनः अपनी बी किरणों से जोड़ता है। इससे रक्षक की शक्तियां व्यय होती है तमस इस अवसर का लाभ उठाकर उर्पर वार करने की कोशिश करता है पर इससे पहले वो कुछ कर पाता वह हवा में था, रक्षक की इस गति को तमस देख भी नही पाया था। रक्षक उसे धरती की दिशा में लाते हुए जोर से पटकता है, तमस उसपर अपनी कई काली शक्तियों का प्रयोग करता है परन्तु रक्षक उन सबको अवशोषित कर लेता है, तमस की काली शक्ति अवशोषित करने से उसकी ताक़त और बढ़ती जाती है, अब रक्षक बिना सुरक्षा कवच के ही तम किरणों को झेल पा रहा था। तमस की हैरानी और परेशानी बढ़ती जा रही थी, उसने अपने सबसे बड़े महाशक्ति को प्रयोग करने की ठानी, सदियों में जो आज तक नही हुआ था वो आज होने जा रहा था, द्विशूल का प्रयोग! द्विशूल में इतनी क्षमता होती है कि वो एक साथ हज़ारो सूर्यो को कुछ ही पल में नष्ट कर सकता है। द्विशूल इस ब्रह्मांड के महाशक्तिशाली अस्त्रों में से एक सर्वोत्तम अस्त्र है।
द्विशूल तमस के हाथों में चमकने लगा, रक्षक को इस अस्त्र के बारे में कुछ भी नही पता था।
"रक्षक! ये कोई मामूली अस्त्र नही है, बचो इससे!" - यूनिक जोर से चीखा।
"बचो रक्षक!" - 4J एक साथ चिल्लाए, अब तक द्विशूल रक्षक के पास आ चुका था, रक्षक द्विशूल को चकमा देने की नाकाम कोशिश भी करता है परन्तु द्विशूल किसी भी हाल में उसका पीछा छोड़ने को तैयार नही होता।
रक्षक भागते हुए ग्रह की परिसीमा को पार कर जाता है परन्तु द्विशूल उसका पीछा नही छोड़ता, भागते भागते रक्षक समयधारा में चला जाता है परन्तु द्विशूल उसका पीछा नही छोड़ता, समयधारा में रक्षक को बहुत से विचित्र भयावह दृश्य देखने को मिलते हैं, द्विशूल जिसके भी स्पर्श में आता वह चीज वहां से ऐसे नष्ट हो जाती जैसे कभी थी ही नही।
जैसे ही रक्षक न इस बात पर गौर किया वह तेज़ी से दौड़ते, उड़ते हुए जेन्डोर ग्रह की धरती पर आ गया, अब वह भागते भागते बुरी तरह तक चुका था, द्विशूल उसके बिल्कुल पास था, अब रक्षक का बचना असम्भव प्रतीत हो रहा था, धरती डोल रही थी, यूनिक का बैकअप प्लान संदेश भेजा जा चुका था, जाने किसे बुलाने की तैयारी में थे वो, जिसके सामने रक्षक नही टिका उसके सामने किसी अन्य की बात क्या!
द्विशूल रक्षक से चंद दूरी पर था, खचाक की आवाज के साथ द्विशूल सीने में जा घुसा, लेकिन वो छाती किसी और की थी, एक साथ तीन चीखे उभरी, रक्षक, तमस और…
"मेरे बेटे! तुम रक्षक हो, मुझे कभी भूलना मत, तुम्हारी माँ तुमसे बहुत प्यार करती है, ब... हु……...त!" - तमसा के गले से जोरदार चीख उभरी! आखिरी चीख और वह धूल में मिल गयी। क्या तमसा ही रक्षक की माँ थी? सवाल बहुत बड़े उलझन वाला था।
"माँ……….! तुमने बताया क्यों नही तमस!" - रक्षक जोर जोर से चीखा उसकी लाल आंखों में आँसू थे, गले मे सिसकियां थी, दिल मे माँ की ममता और उसके त्याग की भावनायें उमड़ रही थी और एक कसक भी की वह अपनी पूरी ज़िंदगी में अपनी माँ को एक बार भी माँ नही कह पाया! बहुत अजीब किस्मत है उसकी "कम से कम तुम खुद तो बता देती की मेरी माँ हो, मैं तुम्हारे बारे में कितना गलत था माँ!!" - रक्षक वहां की धूल उठाकर दहाड़े मारकर रोने लगता है।
"लेकिन नही! अब मैं नही रोऊंगा, अब तुम सब रोओगे! तुम मेरी माँ के मृत्यु के कारण हो तमस! अब रक्षक तुम्हे तुम्हारी मृत्यु देगा।" - रक्षक का क्रोध सातवें आसमान पर था, वह एक एक शब्द को चबा चबाकर बोल रहा था।
तमस के आँखों मे पश्चाताप के अश्रु थे, परन्तु वह अंधेरे का बेटा है, उसे भावनाओ से खेलना आता है खुद भावुक होना नही।
रक्षक अपनी पूरी शक्ति से तमस पर वार कर रहा था, एक बार द्विशूल प्रयोग के बाद, दुबारा इतनी जल्दी नही किया जा सकता था, रक्षक अपने हाथों से तमस को मार मार कर बेदम किये जा रहा था। वह अपने दोनों हाथों को जोड़कर उसके छाती और जबड़े पर मारता है जिससे तमस का कवच टूट जाता है, उसके चेहरे पर काला स्याह रक्त बहने लगता है। रक्षक उसपर लगातार वार करता जाता है, उसका क्रोध हर किसी के लिए खतरनाक था, वह अपने दाहिने हाथ से तमस के गले को पकड़कर हवा में खड़ा हो गया, और बाएं हाथ से उसके चेहरे पर घुसा बरसाने लगा।
रक्षक के आँखों मे अश्रु कम नही हो रहे थे, उसके सामने तमस आज बेबस था, वह तमस जिसने अंधेरे के साम्राज्य को खड़ा किया, वही आज बेबस था एक साधारण रक्षक के हाथों।
"तुम्हें.. तुम्हारी.. तुम्हारे.. जन्म का विचार ही मेरी मृत्यु का कारण बन गया लड़के! मुझे लगा था उजाले का अंश अंधेरे में मिल जाये तो अँधेरा और शक्तिशाली होगा पर मेरा दांव उल्टा पड़ गया, पर अब सही है तुम वैसे ही बने हो जैसा मैं चाहता हूँ।" - तमस हकलाते हुए मुस्कुराकर बोलता है। रक्षक उसपर आखिरी वार करने ही वाला था कि…
"रुक जाओ रक्षक….!" - हवा में कड़कता हुआ एक स्वर गुंजा। मनहूसियत अब लगभग पूरी तरह समाप्त हो चुकी थी। रक्षक का हाथ हवा में रुक गया और वह आवाज की दिशा में अवाक होकर देखता रहा।
क्रमशः…….
Fauzi kashaf
02-Dec-2021 11:17 AM
Good
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Niraj Pandey
08-Oct-2021 04:14 PM
वाह बहुत ही बेहतरीन👌
Reply
मनोज कुमार "MJ"
11-Oct-2021 07:00 AM
Thanks
Reply
Seema Priyadarshini sahay
05-Oct-2021 12:22 PM
बेहतरीन
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मनोज कुमार "MJ"
11-Oct-2021 07:00 AM
Thanks
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