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आवाज





कसम तुझे तेरे असूलों की
  बंद हो आंख मेरी रोना नहीं
             आवाज
       बंद हो जब मेरी 
     गमजदा होना नहीं
    शिकवा नहीं कोई
    हो ना सका तू मेरा
  एहसान एक कर देना
 ओढ़ लूँ मौत की चादर
 असूल अपने तोड़ना ना
 गले लगाया नहीं जीते जी
        बाद मरने के
    याद मुझे करना ना
     कट ही जाएगा
आखिरी सफर हर हाल में
 कसम तुझे तेरी असूलों की
 बंद हो आंख मेरी रोना नहीं

 मौलिक रचना
उदयवीर भारद्वाज
 भारद्वाज भवन
मंदिर मार्ग कांगड़ा
हिमाचल प्रदेश पिन 17601 मोबाइल नंबर 94181 87726

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2 Comments

Muskan khan

18-May-2023 09:32 PM

Amazing

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Abhinav ji

18-May-2023 08:39 AM

Very nice 👍

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