#हिस्सा
अंधेरे में जीने वालों को उजाला कहां भाया है,
जिसने जैसा चाहा वैसा जीवन कहां पाया है,
ये दुनिया अनगिनत अवरोधों से भरी पड़ी हुई,
किसी हिस्से में धूप किसी में छांव का साया है।
डॉ. प्रणाली श्रीवास्तव
स्वरचित
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#कीमत
शहर की आब–ओ–हवा में शिकायत दर्ज हुई,
बिना गुनाह किए हम सब सजा के हकदार हुए,
जिनसे वफा मिली वो कीमत वसूलने आ गए,
अब तकदीर में एक अनार के सौ बीमार हुए।
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shahil khan
20-May-2023 09:53 AM
Nice
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Abhinav ji
20-May-2023 09:02 AM
Very nice 👍
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ऋषभ दिव्येन्द्र
19-May-2023 11:03 PM
बहुत खूब
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