Vinay Patel

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खुशी के पल

शीर्षक :- खुशी के पल

रहकर यादों की दुनिया में
          खुशियों के पल है ढूंढता 

 करता हूं वंदना प्रभु से मैं
          लौटा दे मेरे खुशियों के पल

बचपन की है दुनिया निराली
           ना कोई ईर्ष्या ना कोई द्वेष

भरा हुआ है मासूम गुणों से
             फिर से जी लूं बचपन प्यारा में

छिपा हुआ है खुशी के पल
             होता है सर्वश्रेष्ठ प्रयास जिसमें

परिभाषा दूं खुशी कि आज
        समेट लूं दुनिया सारी अपनी मुट्ठी में आज

आओ चलो खुशियां मनाएं
              धरती माता का श्रृंगार करें

समेटकर खुशियों के पलों को आज 
            बन जाऊं सबसे धनवान आज

रचनाकार :- विनय कुमार पटेल

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5 Comments

बेहतरीन सृजन

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बहुत खूब

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Punam verma

20-May-2023 09:38 PM

Very nice

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