कमी
तेरे आशिक के दिल में राज बोहत है,
कुछ जुर्म है पर दाग बोहत है ।
कल बेगैरत फिरता था जो आगे पीछे,
काटो की पैरो में पैजब बोहत है ।
कल तक थे हाथ में पैसे तो महफीले थी,
अब न पैसे है ना यार फकत है ।
गम कल था की वो है पर प्यार नही,
अब तो हमको उनकी याद बोहत है ।
तूफानों से लड़ने वाला कल तक,
हवाओ की चोट से शांत बोहत है ।
Punam verma
22-May-2023 08:59 AM
Very nice
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Abhinav ji
22-May-2023 08:25 AM
Very nice 👍
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
22-May-2023 07:22 AM
Nice
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