बंशीधारी
बंसीधारी
(१) सिर मोर मुकुट ,
मुख बंसी धारी ।
जय जय जय श्री कृष्ण मुरारी ।।
(२) फूलों सी मुस्कान ,
हाथ सुदर्शन धारी ।
जय जय जय श्री बाँकेबिहारी ।।
(३) कमल नयन चाँद सा मुखड़ा ,
देख गोपियाँ मोहित भई सारी ।
जय जय जय श्री कुंजबिहारी ।।
(४) प्रेम की शक्ति तुझसे पाये ,
तुझको पूजत सब नर-नारी ।
जय जय श्री बंसीधारी ।।
कोमल खत्री ,हज़ारीबाग़ (झारखंड ),
shahil khan
25-May-2023 11:48 PM
Nice
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Komal Khatri
06-Jun-2023 06:32 PM
🙏
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ऋषभ दिव्येन्द्र
25-May-2023 12:40 PM
बहुत ही सुन्दर रचना
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Komal Khatri
06-Jun-2023 06:33 PM
धन्यवाद 🙏
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वानी
25-May-2023 11:36 AM
Nice
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Komal Khatri
06-Jun-2023 06:34 PM
Thanks 🙏
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