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परछाई-25-May-2023

प्रतियोगिता के लिए
दिनांक:25/05/2023

परछाई

उसकी परछाई आज भी 
मेरे साथ साथ चलती है
वह नहीं तो क्या हुआ
उसकी यादें आज भी 
मुझे बेचैन कर उठती हैं।।
परछाई में तसव्वुर होता उसका
जो मुझे आस पास 
महसूस होती है।।
उसकी परछाई आज भी 
मेरे साथ साथ चलती है।।
ख्वाबों का क्या ?
वो तो आंख खुलने पर 
गायब हो जाते हैं
पर परछाईं मेरे साथ 
हर वक्त बंधी रहती है।।
उसकी परछाई आज भी 
मेरे साथ साथ चलती है।।

शाहाना परवीन "शान"...✍️

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2 Comments

Abhinav ji

26-May-2023 09:22 AM

Very nice 👍

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Gunjan Kamal

26-May-2023 08:18 AM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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