Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -26-May-2023 "संगति का असर"

"संगति का असर"

चलो चलते है हम वहाँ, जहाँ सब यार बैठे है
ग़मों को लेकर जहाँ मेरे यार बेहाल बैठे है
मग़र हर बार मुझको क्यों, मेरे घर वाले रोक लेते हैं
उठाते हैं इक सवाल और कटघरे में खड़ा मुझको कर देते हैं...

नहीं हर कोई यार है तेरा नहीं हर कोई दोस्त है तेरा, 
वही सच्चा तुम्हारा मित्र है, दिखाएं तुमको रहा सच्ची, 
जिन्हें तुम यार कहते हो जिन्हें दिलदार कहते हो, 
उन्हीं में कुछ छुपा ऐसे जो तुम्हारी रहा भटकाएं....!! 

समझ लो बात यह तुम आज और बांध लो गाँठ भी ये तुम, 
संगति का असर हम पर बहुत गहरा जीवन में पड़ता है, 
करो संगत सदा ऐसी, विचारों को  एक नया आयाम मिल जाए, 
सुसंगत है दवा ऐसी, जो काम हमारे तन मन में संजीवनी का कर जाए ....!! 

मिली थी संगति जब केकई को मंथरा की, 
पति की जान ले करके पुत्र को बनवास दे डाला, 
वही देखो मिली संगत,अर्जुन को जब कृष्ण की, 
जीत कर दी तभी मुमकिन, दुविधा सब मिटा डाली....!!

विचारों से ही तो हमारा जीवन बनता और बिगड़ता है, 
सवंर जाते हैं रास्ते अगर मार्गदर्शक अच्छा होता है
जो अंधेरों में घिरने से ही पहले हमें हरदम रोक लेता है
उसी को तुम सदा अपना सच्चा यार बतलाना.....!! 

मधु गुप्ता "अपराजिता"






   19
16 Comments

madhura

07-Jun-2023 12:32 PM

nice

Reply

Thank you so much🙏🙏

Reply

Punam verma

27-May-2023 09:37 AM

Very nice

Reply

Thank you so much🙏🙏

Reply

Abhinav ji

27-May-2023 09:01 AM

Very nice 👍

Reply

Thank you so much🙏🙏

Reply