संगीत

जिंदगी की यही पुरानी रीत है,
हर सांस में बसता संगीत है...

सात सुरों के यह सरगम है,
हो रहा जैसे कोई संगम है...

कोयल की बोली का आभास हैं,
नदियों की लहरों का आवास है...

प्रकृति के कण-कण में छुपा है,
जैसे सबके दिल को छुआ है...

हम करते हैं संगीत की पूजा हैं,
इसके बिना ना कोई दूजा है....

संगीत में बसे मेरे गीत है,
बस अब यही मेरे सच्चे मीत है....

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3 Comments

बहुत सुंदर

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Punam verma

27-May-2023 09:36 AM

Very nice

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Abhinav ji

27-May-2023 09:01 AM

Nice

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