*दुनियाँ नहीं अभी देखी!*
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हमने क्या क्या ना बेबसी देखी।
कितनी मुश्किल है ज़िंदगी देखी,
आँख रोती हुई बहुत देखा,
कम लबो पर मगर हँसी देखी।
नौजवानी की उम्र में सबकी,
आँखों में तेज़ रोशनी देखी।
क्या परायों से हम करे शिकवा,
हमने अपनो की बेदिली देखी।
मौत कुछ वक़्त दे तो देखेंगे,
हमने दुनियाँ नहीं अभी देखी।
फ़राज़ (क़लमदराज़)
S.N.Siddiqui
@seen_९८०७
Shashank मणि Yadava 'सनम'
28-May-2023 08:21 AM
बहुत ही खूबसूरत और उम्दा सृजन
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Varsha_Upadhyay
27-May-2023 11:35 PM
बहुत खूब
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Reena yadav
27-May-2023 11:05 PM
👍👍
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