उस आईने में भाग : 3
तभी उसकी नजर मेरे ऊपर पड़ी, और वह सीढ़ियां चढ़कर मेरी तरफ आने लगा। मुझे कुछ अच्छा महसूस नहीं हुआ, तो मैं वापस अपने कमरे में जल्दी से आ गई , और दरवाजा अंदर से बंद करने लगी। लेकिन मकान मालिक के एक ही धक्के से दरवाजा खुल गया ।
मकान मालिक मेरे रूम की तरफ बढ़ ने लगा। और मेरे हाथो को जकड़ लिया और मेरे साथ जोर जबरदस्ती करने लगा । उस ने मुझे ज़मीन पर गिरा दिया और जब मैं चिल्लाने लगी तो उस ने मेरे मुंह को कपड़े से बांध दिया, और मेरे हाथों को भी कपड़े से बांधने लगा।
मेरे साथ उस तरह का व्यवहार देखकर उस वक्त मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। तो मैंने उसे अपनी पूरी ताकत से मकान मालिक को धक्का दिया।
तो वह कुछ दूर पीछे जा कर गिर गया ,उस समय मैंने खुद को किसी तरह से खोला। कुछ ही देर में वापस उठ कर मेरे पास आने लगा, और मैंने उसे फिर से धक्का देना चाहा। लेकिन इस बार ना दे पाई, उसने मुझे पकड़ कर अपनी तरफ झटके से घसीटा, और मेरा सर टेबल पर जा लगा और मैं बेहोश हो गई ,उसके बाद उसने मुझे उठाने की बहुत कोशिश करी । लेकिन मैं नहीं उठी।
तो वह मकान मालिक वहीं पर मेरे ही बिस्तर पर सो गया। जब सुबह उठा तब उसने देखा कि मेरे सर से बहुत ही ज्यादा खून बह चुका था । और मेरी सांसे रुक चुकी थी । उसने जब मेरी धड़कन रुकी हुई पाई तो वह घबरा गया ,और सोचने लगा यह लड़की तो मर गई ।अब मैं क्या करूंगा? और उसने मेरा शव मेरे ही बेड पर बिछी चादर में लपेटा । खून को साफ किया ,और यही बाथरूम में इसी आईने के नीचे मेरे मृत शरीर को दफना दिया । और ऐसे रहने लगा जैसे कि कुछ हुआ ही ना हो।
उस ने मेरा सारा सामान, किताबें ,कपड़े सब कुछ जला दिया। और अपनी नॉर्मल जिंदगी वापस जीने लगा ।
जब मेरे घर वालों को कुछ दिनों तक मेरी कोई खोज खबर नहीं मिली तो मेरे घरवालों ने मकान मालिक से आकर पूछा , तो उस ने बताया कि आप की बेटी तो एक महीना पहले ही मैं मेरा रूम छोड़ कर चली गई ।" उसने मेरे घर वालों को झूठ बोल दिया।
उसके बाद मुझे नही पता मेरे घर वालो ने मुझे कहां कहां ढूंढा, ढूंढा भी या नहीं। और तब से आज तक मेरी आत्मा इस बाथरूम से बाहर नहीं जा पाई। ना ही आज तक मुझे इस संसार से मुक्ति मिली । मेरे बाद और कोई भी इस रूम में रहने नही आया ।अब इतने दिनो बाद तुम ही इस रूम में रहने आए हो, तुम ही बताओ ,मेरे साथ जो अन्याय हुआ है क्या वह सही है? इसीलिए जब तक मैं अपना बदला नहीं ले लूंगी ।मैं यहां से कहीं नहीं जाऊंगी। और ना ही मेरी आत्मा को मुक्ति मिल पायेगी।
इसलिए मुझे तुम्हारी थोड़ी हेल्प चाहिए, साहिल । मैं तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती हूं ।क्या तुम मेरी हेल्प करोगे ?उस पर साहिल हां बोलता है ।और कहता है तुम्हारे साथ बहुत गलत हुआ है , बताओ मुझे क्या करना होगा । मैं तुम्हारी मदद करने के लिए तैयार हूं । सुनैना की आत्मा साहिल से कहती है , तुम्हें आज रात मकान मालिक को इस बाथरूम में लाना होगा और दरवाजा बाहर से बंद करना होगा । तो साहिल सुनैना से पूछता है , तुम क्या करने वाली हो ? उस पर सुनैना कहती है ,वह तुम मुझ पर छोड़ दो, तो साहिल कहता है, अरे अगर तुमने उसे मार दिया, तो उसके मर्डर का सारा ब्लेम मुझ पर आ जाएगा ना। और पुलिस मुझे ही पकड़ कर लें जाएगी । फिर सुनैना बोलती है - "नहीं मैं उसे मारूंगी नहीं, तुम बस उसे बाथरूम में ले आना।
साहिल उस से कहता है अगर वह मर गया तो मैं फंस जाऊंगा , साहिल थोड़ा डरता हुआ कहता है, तो सुनैना की आत्मा उसे कहती है, कि तुम्हारे ऊपर कोई इल्ज़ाम नहीं लगेगा ।तुम परेशान मत हो साहिल ।और मुझ पर भरोसा रखो। उस की बात सुनकर साहिल थोड़ा सोचता है , और कहता है, ठीक है। मैं मकान मालिक को रूम में लाने की कोशिश करता हूं ।
इतना बोलते ही साहिल बेहोशी की हालत से वापस होश में आ जाता है साहिल उठ बैठता है और सोचने लगता है , मैं आज रात किस तरह से मकान मालिक को बाथरूम में ले कर आऊंगा और बाथरूम से बाहर आ कर सोचने लगता है (यार! यह सुनैना के साथ तो बहुत ही गलत हुआ है, और उस को इंसाफ दिलाना ही चाहिए ।)
साहिल सोचने लगता है , कि मैंने सुनैना से तो बोल दिया कि हां मैं उसकी हेल्प करूंगा । लेकिन मैं मकान मालिक को बाथरूम तक लाऊंगा कैसे? इसी सोच में वह बैठा होता है, कि तभी उसे मकान मालिक के आने की आहट सुनाई देती है ,और वह चिल्लाता है हेल्प मी ! कोई हैं ? प्लीज़ हेल्प मी ।और अपने कमरे का कुछ सामान पटकने लगता है ,जिससे आवाजे होती हैं । तो मकान मालिक वो आवाजें सुनकर ऊपर आता है । और साहिल का दरवाजा खोलकर बाहर से ही पूछता है, क्या हुआ साहिल तुम चिल्लाए क्यों ?क्या हुआ ? तो साहिल वॉशरूम से आवाज देता है ,सर ! इधर आइए । मैं बाथरूम में हूं । मुझे उठा दीजिए मैं बाथरूम में गिर गया हूं। और उठ नहीं पा रहा हूं ,मकान मालिक बाथरूम में जैसे ही आता है ,वाह देखता है , साहिल जमीन पर गिरा हुआ है। तो वह झुक कर साहिल को उठाने लगता है ,तभी साहिल मकान मालिक के सहारे से खड़ा होने का नाटक करता है।
साहिल खड़ा होकर मकान मालिक का पैर फंसा कर मकान मालिक को धोखे से गिरा देता है। और बाथरूम से बाहर आ जाता है । और दरवाजा बाहर से बंद कर लेता है,
मकान मालिक अंदर से चिल्लाता है कि क्या कर रहे हो साहिल दरवाजा खोलो यह कैसा मजाक है, मैं तुम्हें अपने घर से निकाल दूंगा। तुमने मुझे बाथरूम में क्यों बंद किया है, बाथरूम का गेट खोलो ,मैंने कहा गेट खोलो साहिल ।
लेकिन साहिल वही गेट के पास ही खड़ा हो कर गेट नहीं खोलता है और कहता है, सर मैंने तो दरवाजा नहीं बंद किया। शायद अपने आप ही बंद हो गया। सर आप दरवाजा खोलने की कोशिश तो करिए । तभी अचानक से मकान मालिक की नज़र उसी आईने में पड़ती हैं। और उस आईने मे एक काला साया बनने लगता है , और सुनैना की आत्मा काले साये की तरह ही मकान मालिक को नजर आती है, जैसे ही उस आईने पर मकान मालिक की नजर पड़ती है। उसे अपने 6 महीने पहले का वाक्या याद आ जाता है, और वहां डर के मारे पसीना पसीना हो जाता है ।
और मकान मालिक हकलाते हुए बोलता है ,कौन हो तुम ?कौन हो ?क्या - क्या कर रही हो, कौन हो तुम?
और डर के मारे उसके मुंह से कुछ भी आवाज नहीं निकलती , तभी सुनैना उस काले साए में से अपना असली चेहरा उसे दिखाती है ,और कहती है - कुछ याद आ रहा तुम्हें या अभी तक याद नहीं आया ।कहो तो मैं याद दिला दूं?
यह सब देख कर मकान मालिक हाथ जोड़कर रोने लगता है ,और कहता है, सुनैना मुझे माफ कर दो । मैंने तुम्हारे साथ बहुत बुरा किया , मैं ऐसा नहीं करना चाहता था। और तुम्हें मारना तो बिल्कुल भी नहीं चाहता था , मुझे माफ कर दो , प्लीज सुनैना !
तो सुनैना कहती है ,माफी !अभी भी तुम मुझ से माफी की उम्मीद रख रहे हो ,मुझे मार कर दफना दिया, मेरे घर वालों से झूठ बोला । मेरा करियर , मेरी फैमिली , मेरी लाइफ सब कुछ बर्बाद कर दिया । और इतना सब कुछ करने के बाद भी तुम मुझे से माफी मांग रहे हो।
Zaifi khan
30-Nov-2021 09:23 PM
شاندار
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Hayati ansari
29-Nov-2021 09:08 AM
Good
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Manzar Ansari
15-Oct-2021 05:39 PM
Good
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any ansari
16-Oct-2021 06:59 PM
Thanks
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