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तेरी याद -01-Jun-2023

प्रतियोगिता हेतु
दिनांक: 01/05/2023
विषय: तेरी याद

यादों की कोई सीमा नहीं होती,
यादों की कोई 
ख्वाहिश भी नहीं होती।
यादें अपने आप चलकर ,
दिलो-दिमाग पर छा जाती हैं
जब बात हो तेरी याद की 
उफ्फ! तेरी यादें 
रातों को सताती हैं।
सनम मुझे दीवाना बनाती हैं।

यादों की कोई सीमा नहीं होती,
यादों की कोई 
ख्वाहिश भी नहीं होती।
चेहरा हर वक्त घूमता रहता,
इन आँखो में।
हर बात पर याद आती तेरी 
दिल नहीं लगता महफिलों में।
तेरी यादों के जुनून टिमटिमाते रहते
मन को हर वक्त तरसाते रहते।

यादों की कोई सीमा नहीं होती,
यादों की कोई 
ख्वाहिश भी नहीं होती।
तेरी याद हर वक्त साथ रहती है, 
आईना देखूं तो सूरत तेरी दिखती है।।


शाहाना परवीन "शान"...✍️ 

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2 Comments

Haaya meer

03-Jun-2023 07:20 AM

Well done 👍

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Abhinav ji

01-Jun-2023 09:02 AM

Very nice 👍

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