हार्टलेस
सुबह की आरती के बाद दादी सब को प्रसाद देने लगी तो भूल गई कि सोनल आज घर में नहीं है
अरि ओ सोनल, कहां रह गई आज भी तुम दोनों से आरती में नहीं आया गया, चलो मान लिया देवा तो नहीं आ सकता रात भर
कभी भी उसको हॉस्पिटल के काम से जाना पड़ता है कभी कभी रात रात भर वहीं रहना होता है तो नहीं आ सकता नियम से आरती में, मगर तुम तो लड़कियां हो तुम दोनों को तो समय का ध्यान रखना चाहिए दादी अपनी ही धुन में बोलती जा रही थीं..
ये लडकियां ससुराल जा कर नाक कटवाएंगी राय परिवार का
यहीं कहेगे लोग, दादी और मां ने इतना भी नहीं सिखाया बेटी को…
जी दादी मेरा प्रसाद ,,.. मीनल ने हाथ बढ़ाकर कहा
यह ले और तेरी बहन कहा है… आंखे दिखाते हुए दादी ने पूछा
दादी आप भूल गई दीदी तो शिमला गई है ना, दो दिन के लिए.. मीनल ने बताया,
हाय राम,,, यह दिमाग भी अब कमजोर हो गया है कुछ याद ही नहीं रहता.. बच्ची तो बाहर गयी है
दादी इस लिए कहता हूं बादाम खाया करो, अभी से ऐसा है जब बुढ़ापा आएगा कैसे होगा, देवाशीष ने दादी के पास बैठते हुए कहा।
तू ठीक कह रहा है देवा..,,,, बादाम खाने ही पड़ेंगे अब ।
सरस्वती और मीनल नाश्ता परोस रही थी, देवा और दादी नाश्ते पर आकर बैठ गये..
सोनल का फोन आया कि नहीं ,, कैसी है वो ठीक तो हैं ना , कोई परेशानी तो नहीं है? दादी ने सरस्वती की तरफ देखते हुए पूछा
हां मां जी उसका फोन आ गया था वो ठीक से पहुंच गई और सब के साथ अच्छे से है उसके कमरे में दो और लड़कियां रुकी है यह सुन दादी और सोनल के पापा को तसल्ली हो गई,.
नाश्ता कर के सब अपने अपने काम में लग गए, देवाशीष हॉस्पिटल के लिए निकल गया,..
….........................
सब लड़कियां तैयार हो कर हॉल में आ जाओ, हम सब एक साथ घूमने चलेगे, नाश्ता करती हुई लड़कियों की तरफ देख कर मैडम ने कहा
सब लड़कियां फैशन की दुकान लग रही थी हर किसी ने जींस टॉप , वन पीस , किसी ने शॉट्स पहन रखे थे मगर एक सोनल थी कि उसने हल्के पिंक कलर के चूड़ी दार सलवार और कुर्ता पहन रखा था उसके साथ ही चेहरे पर छोटी सी बिंदी , मोटी के झुमके , काजल की पलटी सी डोर आंखो की सुंदरता को और बड़ा रही थी वो उन सब लड़कियों से बिल्कुल अलग दिख रही थी,
उसकी सहेलियां खुद उसको देख कर जल भुन गई कि इतनी सिम्पल होने के बाद भी यह इतनी खूबसूरत कैसे लग सकती हैं
शिमला की हसीं वादियों में सब सखियां चल दी अपने अरमानों को पूरा करने, कोई कहीं पर फोटो ले रहा था, कोई सेल्फी.. उनके साथ में एक गाइड था जो उनके टीचर ने बुलाया था, जो सब सुंदर जगह और उसके इतिहास के बारे में बता रहा था
क्राइस्ट चर्च पर आ कर बस जब रुकी तो सब उसकी भव्यता और आकर्षक कलाकारी देख कर सब मोहित हो गये, सबने वहाँ की फोटो लीं,
इतना सुंदर,,, सोनल के मुंह से अनायास ही निकल गया हां तो ऐसे ही थोड़ी इसको शिमला का ताज कहा जाता है इसकी बनावट से दूर से देखने पर किसी राजा के सिर पर ताज की तरह ही यह दिखाई देता है गाइड एक के बाद एक खूबियां बनाए जा रहा था
दूर एक बेंच पर बैठा एक लड़का अपने हाथ में स्केच बुक पकड़े कुछ बना रहा था बीच-बीच में ग्रुप की लड़कियों की तरफ देख लेता और बनाता जाता बहुत देर से टीचर की नजर उस लड़के पर थी, सब लडकियां उनकी ज़िम्मेदारी थीं, और उनको हर जगह नज़र रखनी ही थी,
जब वह बार बार लड़कियों को ही देखता रहा तो टीचर से रहा नहीं गया और वो उस लड़के के पास पहुंच गई
ऐ मिस्टर, क्या कर रहे हो तुम, बार बार मेरी स्टूडेंट को देख कर क्या बना रहे हो बार बार घुर रहे हो चलते बनो यहां से शराफत से नहीं तो अच्छा नहीं होगा टीचर ने गुस्से में उसे खूब बाते सुना दी…
जी मिस देखिए मैं कुछ ग़लत नहीं कर रहा था आपकी वो स्टूडेंट है ही इतनी खूबसूरत की मेरे हाथ खुद बखुद उसकी तस्वीर बनाने लगे भगवान ने इतनी सुंदरता दी है तो मेरी क्या गलती ,
मुझे तो सिर्फ हुनर दिया है किसी भी नायाब चीज को केनवास में उतार उसको सुरक्षित रखने का उस लड़के ने बिना डरे बिना झिझके कहा ।
बहुत बोलते हो दिखाओ क्या बनाया है
तब तक बाकी की लड़कियां भी मैडम के पास आ गई थी और दोनों की बातें सुन रही थी.. सभी ने उस लड़के को नोटिस क्या था..
टीचर ने उसके हाथ से वह स्केच लिया और देखा तो देखती रह गई सोनल की बहुत खूबसूरत तस्वीर इतने कम समय में उस लड़के ने बना दी थी, सभी टीचर तो उसके हुनर की कायल हो गई
वाह , वाह क्या तस्वीर बनाई है तुमने ,
पर ऐसे बिना पूछे किसी की तस्वीर बनाना अच्छी बात है क्या मैडम ,,, सोनल को अब गुस्सा आ रहा था
सोनल को देखते हुए वो लड़का बोला जी मैं तो पिछले चार साल से यही आने जाने वालों की तस्वीर बना रहा हूं पर आज तक जो कहता है उसी की तस्वीर बनाता हूं या फिर इन खूबसूरत नजारों की,,
यकीन करें मैं खुद भी आश्चर्यचकित हूं कि आपको देखते ही मेरे हाथ आपकी तस्वीर बनाने लगे मुझे माफ़ कीजिए और यह तस्वीर अब से आपकी हुई
अपनी तस्वीर को हाथ में पकड़ सोनल दूसरी तरफ जा कर बैठ गई उसने तस्वीर को अच्छे से देखा भी नहीं
अब तो सभी लड़कियां , उस लड़के से अपनी अपनी तस्वीर बनाने की रिक्वेस्ट करने लगी
नाम क्या है तुम्हारा, मैडम ने पूछा जो की ख़ुद भी उस से तस्वीर बनाने की कतार में खड़ी थी
जी मैम अर्पित ,,,
यहीं के हो.. मैडम ने दूसरा सवाल किया
जी नहीं, रहने वाला तो मैं बनारस का हूं पर ज्यादातर यही रहता हूं बनारस में अब मेरा मन नहीं लगता..
अरे वाह ,, तुम तो हमारे पास के ही निकले खुश होते हुए मैडम ने कह ही दिया
कब गए थे बनारस… मैडम के सवाल पर सवाल आ रहे थे जो शायद अर्पित को भी पसंद नहीं आ रहे थे
जी मैं तस्वीर बना लूं.. नहीं तो आप लोगों को ही देर हो जाएगी
कह कर अपना पीछा छुड़ाया अर्पित ने।
सब की तस्वीरें बन चुकी थी मगर अर्पित की नजर रह रह कर सोनल की तरफ ही उठ रही थी सोनल ने भी महसूस किया अर्पित की नजर जो दूर से उसे बड़े ही प्यार से निहार रही थी
Babita patel
07-Aug-2023 10:19 AM
Nice
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RISHITA
06-Aug-2023 10:43 AM
Nice part
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Reena yadav
22-Jun-2023 08:29 PM
वाह!!
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