सफर
सफर
मैं बस में सफर कर रहा था
बस रुकी एक जगह
नज़र ठहर गई
एक अधेड़ मर्द
अपनी 14 वर्षीय बच्ची पर
तुनक रहा था
बच्ची
सहमी सहमी खड़ी थी
एक उसके दाएं
दो उसके वायें
भोले भाले बच्चे खड़े थे
मुन्ने मियां
पीठ पर चढ़ने की जिद कर रहे थे
बच्ची मासूम थी
बच्चों की हरकतों से खीझ उठी
मुन्ने मियां को
उसने पिता के पास थमाया
और
अपना पीछा छुड़ाया
इस पर पिता
भुनभुनाया हरामजादी
लड़की ने
गुस्सा बच्चे पर उतारा
और
एक थप्पड़ दे मारा
इस पर पिता तमतमाया
लड़की भाग गई
इस पर
पिता झल्लाया
हे भगवान
मैंने ये क्या कर डाला
एक को पालना मुश्किल था
फिर क्यों
ऐसा पाप कमाया
. उसने
बच्ची को पास बुलाया
पुचकारा
कहा
तू बेकसूर है
बेकसूर है
मौलिक रचना
उदयवीर भारद्वाज
भारद्वाज भवन
मंदिर मार्ग कांगड़ा
हिमाचल प्रदेश 176001
मोबाइल 94181 87726
Sushi saxena
04-Jun-2023 02:51 PM
Nice one
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Alka jain
04-Jun-2023 01:00 PM
V nice 👍🏼
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Punam verma
04-Jun-2023 09:31 AM
Very nice
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