पानी
जल
सुन लो रानी सुन लो वानी,
खुला ना छोड़ो यूं तुम पानी।
मौसम बदल रहा तेजी से,
गर्मी लौटें जैसे पुरानी।
जगह-जगह से पैगाम आया,
जल को बचाना मन को भाया।
हरियाली चारो और खुशहाली,
सुंदरता का पैगाम है लाया।
जल की हर बूंद कीमती,
इसमें जन की जान बसती
आओ करें हम जल संरक्षण,
बर्बादी नहीं इसकी जंचती।
जल में खिलते सुंदर कमल,
बिन जल के किस बात का नल।
जल बिना जल जाएगा यह जग।
जल बचाना है इसका हल।।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
Abhilasha Deshpande
07-Jun-2023 09:50 AM
nice
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Reena yadav
06-Jun-2023 11:12 PM
👍👍
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
06-Jun-2023 11:10 PM
बहुत ही सुंदर और बेहतरीन रचना
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