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इंतजार

इंतजार

जमाना कहता है कि
वक्त अनुकूल हो या प्रतिकूल
अपने सपनों को साकार करने का
सभी को इंतजार रहता है।
पर जागों जागों जग के नर नारी
शांति पथ का बनो पुजारी
जिसका जीवन इंतजार में बीत रहा है
वो अमन चैन को तरस रहा है।
खेल इतने खेलती है जिंदगी
हर पहलू जिंदगी का इम्तिहान होता है
जीवन में अगर सफलता की चाहत है तो
दूर दृष्टि रखना ही होगा।
कलियुग में सबकी अपनी चिताएं है
लेकिन कथनी और करनी में अंतर न हो
समझाया गया है हमें स्पष्ट रूप से कि
इंतजार दुःखो के समंदर में डूबा देती है।
कुदरत ने बनाई है अनेक मूल्यवान वस्तुएं
और धरती पर हम इंसान बसते है
अपने सपनों को साकार करने का
इंतजार सभी को रहता है।
हमारे जीवन को सुख देती है इंतजार
तो कभी जीवन को दुःख भी देती है इंतजार
और कभी कभी तो इतना आनंद होता है कि
मानों जैसे स्वर्ग का सुख मिल रहा है।
वक्त अनुकूल हो या प्रतिकूल
इंतजार सभी को रहता है
पर मैं सच कहता हूं सज्जनों
अधिक इंतजार करना उचित नही है।

नूतन लाल साहू

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2 Comments

वानी

11-Jun-2023 03:07 PM

Nice

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बहुत खूब

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