द गर्ल इन रूम 105–१६
की शिकायत को गंभीरता से नहीं ले सकते।'
'इडियट' मैंने कहा, जबकि मेरा दिमाग अब भी डोना पाउला पर ही लगा हुआ था। "फिर से उसके ख्यालों में गुम हो गए?' सौरभ ने कहा 'मैं तुम्हारा चेहरा देखकर ही बता सकता हूँ।'
मैं तो हमेशा ही उसके बारे में सोचता रहता है, मैं कहना चाहता था। 'ये केवल व्हिस्की का असर है।"
नहीं, केवल व्हिस्की नहीं मुझे मालूम है, आज क्या तारीख है. सौरभ ने कहा।
मैंने अपना फोन खोलकर तारीख़ चेक की। गुरुवार, 8 फरवरी। चंद घंटों बाद 9 फरवरी हो जाएगी, जारा "ओह हर ऑफ़ कोर्स बाऊ, आज तो मुझे इसका स्थान ही नहीं आया, मैंने कहा।
"तब तो ऐसा पहली बार ही हो रहा है। बधाई हो। तुम्हारे चेहरे की हवाइयां उड़ रही हैं, लेकिन किसी और
कारण मे।"
'लेकिन मुझे दो दिन पहले तक याद था, मैंने कहा। वह सत्ताइस साल की होने जा रही थी। मैंने अपने सिर को दोनों हथेलियों से दबा लिया, जैसे कि उसके ख्यालों को अपने दिमाग से निकालने की कोशिश कर रहा है। मैं
उसे याद नहीं करना चाहता था। में नहीं याद करना चाहता था कि अतीत में हम उसके बर्थडे कैसे मनाते थे। मैं कैसे आम के पेड़ पर चढ़कर खिड़की से उसके हॉस्टल रूम में घुस जाता था, और वह भी हाथ में केक और गुलाब का फूल लेकर और फिर हम कैसे पूरी रात एक-दूसरे के साथ बिस्तर में बिताते थे, यह सोचते हुए कि हमें इसी तरह पूरी जिंदगी साथ बितानी है। कम से कम में तो यही सोचता था। 'सॉरी मुझे उसका नाम नहीं लेना चाहिए था। मुझे नहीं मालूम था कि इस बार तुम्हारे दिमाग में वह नहीं है. सौरभ ने कहा।
मैंने अपना सिर हिला दिया। मेरी हथेलिया अब भी मेरी कनपटियों पर जमी हुई थीं। 'इट्स ओके में हैंडल कर सकता है।" बस उसको फोन मत लगा देना। याद है ना. पिछली बार क्या हुआ पा
मेरे हाथ मेरे सिर से हट गए। अब उन्हें व्हिस्की का गिलास उठाकर मेरे मुंह से लगाना था। 'मैं उसे अब कभी फोन नहीं लगाऊंगा। बेइज्जत होने की भी एक हद होती है, मैन कहा। लेकिन मेरे भीतर
का एक हिस्सा व्हॉट्सएप्प पर उसकी दीपी देखने के लिए मरा जा रहा था। शायद उसने बर्थडे के लिए नई डीपी अपडेट की हो। पिछले हफ्ते उसने जो डीपी लगाई थी, वह एक सेल्फी थी, जिसमें रघु और वह बांहों में बातें डाले खड़े थे। मैं उम्मीद कर रहा था कि उसने वह तस्वीर बदल दी हो। हेल, मैं तो अब कोई उम्मीद भी नहीं करना वाहता था। मैं उसका व्हॉट्सएप ही नहीं देखूंगा। सौरभ ने धीमे से सिर हिला दिया। जाहिर है, उसे यकीन नहीं था कि मैं अब जारा को कभी कॉल नहीं
करूंगा।
'तुम चाहो तो मेरा फोन ले लो, मैने कहा।
'नहीं, भाई, मुझे तुम पर भरोसा है, सौरभ ने कहा। इन फैक्ट तुमने ये जो बात कही है, इसको सेलिब्रेट करने के लिए एक और ड्रिंक पीते हैं।' उसने हमारे गिलास फिर से भर दिए। ब्लेंडर्स प्राइड बॉटल आधी खाली हो चुकी थी। मैंने समय देखा। सा ग्यारह बज चुके थे। फ़ाइन में यह कर सकता था।
मैं गुरुवार की एक रात अपने दोस्त के साथ ड्रिंक करते हुए भी बिता सकता था, फिर चाहे वह उसका बर्थडे ही क्यों न हो। मैंने कई सालों के बाद खुद पर ऐसा नियंत्रण अनुभव किया था। हमारे ब्रेकअप के बाद से पिछली चार बार मैंने उसे बारह बजते ही सबसे पहले कॉल किया था। उसने चार में से तीन मर्तबा मेरा फोन ही नहीं उठाया था और जब एक बार उसने फोन उठाया, तब भी केवल यही कहने के लिए कि अभी उसका परिवार उसके आसपास है और वह बात नहीं कर सकती। मैंने उसे कहा कि मैंने केवल उसे विश करने के लिए कॉल किया है। उसने जवाब में केवल एक ठंडा मरियल-सा थैंक्यू बोला। इससे ज्यादा अपनापन तो लोग रॉन्ग नंबर को भी दिखा देते हैं। क्या कुछ लोगों के लिए मूव ऑन कर जाना इतना आसान होता है? एक इंसान से दूसरे इंसान के पास चले जाना, जैसे टीवी चैनल बदल रहे हो? ठीक है, ब्रेकअप के लिए कुछ हद तक मेरा ही था, लेकिन क्या वह मुझे इतनी जल्दी भुला सकती थी? तो फिर मैं ही उसको अभी तक क्यों नहीं भुला पाया था? क्या मेरे