द गर्ल इन रूम 105–१८
जरूरी नोट्स लेने यहां चले आए थे।'
"चलो चलते हैं, ' सौरभ ने कहा। कोचिंग सेंटर हमारे घर में पांच मिनट की दूरी पर था। ना जाने क्यों, जोश और मदहोशी की उस हालत में हमें यह लगने लगा था कि चंदन का इस तरह से स्टिंग करना सच में एक अच्छा आइडिया था।
'हां, चलो, मैंने कहा
मेरा फ़ोन बीप हुआ। एक मैसेज आया था। चंद के बाद फोन कुछ और बार बीप हुआ।
"इतनी रात को कौन मैसेज कर रहा है। "किसी फोन कंपनी का मैसेज होगा। बाग मोर डाटा और वही सब बुलशिट,' उसने कहा और अपना सिर
मेरे कंधे पर टिका दिया, जैसे गहरी नींद आ रही हो।
लेकिन ये लोग इतनी देर रात को मैसेज करते ही क्यों है?" मेरी आखें भी अब मुदने लगी थीं। फोन फिर बीप हुआ।
इनकी ऐसी की तैसी, मैंने फ़ोन उठाया।
लेकिन फोन की लॉट होम स्क्रीन देखते ही 5 न्यू व्हॉट्सएप मैसेजिस फ्रॉम जारा लोन
मेरी आंखें फटी की फटी रह गई-
मैंने अपने सिर को जोर से झकझोरा क्या मैंने ज्यादा पी ली थी। मैंने अपनी आंखें मनी और फिर से पढ़ा। लेकिन मैं नही पड़ रहा था। मैंने सौरभ को जगाने के लिए अपना कंधा जोर से हिलाया।
गोलू, जल्दी उठो, देखो ये क्या है।"
"क्या हुआ भाई मुझको उनके एक्स्ट्रा 5 जीबी नहीं चाहिए, मुझे सोने दो।"
सौरभ, फोन की स्क्रीन देखो।'
सौरभ ने मन मारकर सिर उठाया।
'जारा ने तुम्हें मैसेज किए
'तुमने उसको मैसेज किए थे?"
'नहीं, कसम खाकर कहता हूँ। मैं नशे में जरूर हूं, लेकिन मैंने आज उसको मैसेज नहीं किए। हम तो चंदन और शीला की बात में लगे हुए थे, मैंने तो अपने फोन को हुआ भी नहीं
'ओह,' उसने कहा और चुप हो गया। 'मैसेज खोलकर देखूं
सौरभ ने टेबल से बिसलेरी की बोतल उठाई और गटा-गट पानी पीने लगा। गोलू बताओ ना, मैं क्या मैंने कहा
'ऑफ़ कोर्स, भाई, सौरभ ने मुंह पोंछते हुए कहा "भला ये किस किस्म का सवाल हुआ? क्या तुम अपना ही फोन चेक नहीं करोगेट मैंने व्हॉट्सएप खोलकर उसके मैसेजिस प
'तो, अब तुम मुझे विश करना भी जरूरी नहीं समझते?" यह पहला मैसेज था। और इसके बाद के मैसेजिस इस प्रकार थे-
'आज मेरा बर्थडे है, आई होप तुम्हें याद होगा।' 'बस में थोड़ी सरप्राइज्ड थी कि तुमने विश नहीं किया।
एनी दे, पता नहीं मैं अभी क्या तुम्हारे बारे में सोच रही हूँ।"" 'आई गेस, अभी तुम बिजी हो।'
उसने एक नई डीपी लगा रखी थी। एक सोलो ब्लैक एंड व्हाइट सेल्फी। हमेशा की तरह खूबसूरत । मैंने देखा कि उसका चैट स्टेटस ऑनलाइन था।
'गोलू, ये क्या है?"
सौरभ ने तमाम मैसेजिस पढ़े।
"या तो उसको तुम्हारी अहमियत पता चल गई है या बस उसको अटेशन चाहिए. सौरभ ने कहा। 'मुझे क्या पता?' सौरभ ने जम्हाई लेते हुए कहा 'मुझको तो नींद आ रही है।'