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द गर्ल इन रूम 105–७७

ठीक है फिर मैं अपने दोस्तों के पास जा रही हूँ, तुम्हीं मुझे यहां पर खींचकर लाए थे।" "जहां जाता है, जाओ।" मैं जा रही हूं, केशवा यह सुनने में बचकाना लग सकता है, लेकिन क्या हम ब्रेकअप कर सकते हैं?"

"क्या?"

"वैसे भी अब हमारे बीच कुछ बचा नहीं है। लेकिन, आज के बाद से एकदम साफ़ शब्दों में, नो कॉन्ट्रैक्ट । ' "जारा, तुम पागल हो गई हो क्या?" 'मैं पागल थी। जब मैं होश में जा रही हूं।" * मैंने नशे की हालत में तुम्हारे डैड को फोन लगा दिया। बुरा किया। अब मैं क्या करू? सॉरी बोलू? मैं बोल दूंगा।'

जारा ने अपना सिर झटक दिया। "बात केवल इतनी ही नहीं है। बात इससे कहीं ज़्यादा है। लेकिन अब उस बारे में बात करने का कोई फ़ायदा नहीं है। वी आर इन बाय। *जारा,' मैंने उसे पुकारा, लेकिन वो पहले ही किचन से जा चुकी थी। उस दिन भी मेरे भीतर इतना घमंड

था कि मैं उसके पीछे नहीं गया। और वो भी गलत नहीं था। मेरे पास जवाब नहीं थे। ठीक उसी तरह, जैसे मैं यह

नहीं जानता था कि मैं इस लड़की को कितनी शिद्दत से चाहता था।

कोई मेरा कंधा झकझोर रहा था।

"आगे से तुम मुझे ऐसी हालत में मिले तो, ' सौरभ कह रहा था। उसके मेरा कंधा झकझोरने से मेरे दिमाग़ में चल रहे अतीत के वीडियोज़ बंद हो गए थे।

"ओह, गोलू तुम आए हो। तुम तो मेरी जान हो, गोलू' मैंने मौजूदा समय में लौटते हुए कहा। बीती रात सोशल पर मेरा दस व्हिस्की का बिल बना था, जो सौरभ ने चुकाया था। और जब मैं वहीं टेबल

पर पसर गया तो एक वेटर ने मेरे फोन से कॉल करके सौरभ को बुलाया था।

मैंने उनकी चैट्स पढ़ीं। रघु और जारा की बातचीत। फुल ऑन लव, मैंने कहा, जैसे कि इतना कह देना मेरे बचाव के लिए काफ़ी होता। "वो लोग डेट कर रहे थे। वो तो ऐसी बातें करेंगे ही। तुम इस ज़ारा की बातें करना कब बंद करोगे?"

‘मैं क्या बंद करूंगा? भगवान ने ही सब ख़त्म कर दिया है। मैंने अपना धर्म नहीं बदला, इसी की सजा मुझे मिल रही है। उसने मुझसे उसे छीन लिया, जब वो मेरे पास वापस लौटकर आना चाहती थी।' मेरा गला फिर से भर जाया। सौरभ ने यह ताड़ लिया और कहा, 'बहुत हो गया। अभी जाकर एक शॉवर लो। क्लास में जाकर पढ़ाओ। और इस सबसे बाहर आ जाओ, सौरभ ने सख्त आवाज़ में कहा।

"तुम्हें पता है, प्रोफ़ेसर सक्सेना ने ज़ारा को इस्तेमाल करने की कोशिश की थी?" "तुम्हारा आईआईटी डीन?" 'हो, जारा का गाइड। मेरे पास एक ईमेल है, जिसमें जारा बता रही है कि उसने क्या-क्या किया। मुझे एक

बार उस बास्टर्ड से मिलना है, मैंने कहा। मैं उठ खड़ा हुआ और बाथरूम की ओर चल दिया। "अभी किसी से मिलने-विलने की ज़रूरत नहीं है,' सौरभ ने पीछे से चिल्लाते हुए कहा । 'अपने काम पर

ध्यान दो।"

“मैं अपना काम ख़त्म करके ही जो करना है वह करूंगा, गोलू रिलैक्स, मैंने अपने चेहरे पर पानी छिड़कते

हुए कहा।

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