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द गर्ल इन रूम 105–७९

उनके होंठ थरथराने लगे थे।

'आपने उसकी थीसिस रोक ली थी। आपने उससे कहा था कि उसको आपके साथ सोना पड़ेगा।'

"क्या बकवास है। मैं सिक्योरिटी को बुलाकर तुम्हें यहां से बाहर फिंकवा रहा हूँ।' उन्होंने अपने रूम का इंटरकॉम उठाया। "भूल से भी यह ग़लती मत कीजिएगा। जो मैं आपको बोल रहा हूं, वो मीडिया को भी बता सकता हूं, मैंने

कहा। 'जैसे कि वो लोग तुम्हारी बात आंखें मूंदकर मान लेंगे। एक ऐसे आदमी की बात, जो लड़कियों के हॉस्टल में

गैरकानूनी तरीके से घुस जाता है, उन्होंने फोन उठाते हुए कहा 'हैलो सिक्योरिटी? मेरे ऑफिस में कुछ लोगों को भेजो। हां, यहां एक गैरजरूरी इंसान घुस आया है।' इसके बाद जैसे मैं उस कमरे में ही नहीं हूं, ऐसा दिखावा करते हुए वे अपने कंप्यूटर पर काम करने लगे।

मैंने अपने फ़ोन का ईमेल खोला और बंद सैकेंड बाद कहा, 'अपना इनबॉक्स चेक कीजिए।'

"क्यों?' प्रोफ़ेसर सक्सेना ने कहा, जबकि वो पहले ही अपने कंप्यूटर का माउस क्लिक करने लगे थे। उन्होंने

ईमेल खोला, जो मैंने अभी-अभी उन्हें फॉरवर्ड किया था। उसको पढ़कर उनका मुंह खुला का खुला रहा गया।

ईमेल इस प्रकार था- दु: रघु

फ्रॉम जारा हे लव

कैसे हो तुम? मुझसे इतनी दूर हैदराबाद में आज येगा एक दिन है, जब मैं चाहती हूं कि काश तुम मेरे

साथ होते। मैंने तुम्हें फोन करने की भी कोशिश की। तुम्हारे सेक्रेटरी ने मुझे बताया कि तुम सैन जोस से आए कुछ लोगों के साथ दिनभर मीटिंग्स में बिज़ी रहोगे। बेल, उसके लिए गुड लक होप, सब ठीक रहे। क्या तुम मुझे समय मिलने पर कॉल कर सकते हो? मुझे तुमसे जरूरी बात करनी है। मैं तुम्हें पहले ही बता चुकी थी कि मैं प्रोफ़ेसर सक्सेना के साथ कंफर्टेबल फील नहीं कर रही थी। मैं तुम्हें यह भी बता चुकी हूं कि वो मुझे कई बार कॉफ़ी के लिए मिलने के लिए भी बुला चुके हैं। पहले तो मैंने इस सब पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब कुछ ज्यादा ही हो रहा है। मिसाल के तौर पर, जब मैं अपने कंप्यूटर पर काम कर रही होती हूँ, तो वो अकसर मेरे पीछे आकर खड़े हो जाते हैं और मेरे बालों को छूने लगते हैं। दो दिन पहले जब में उन्हें एक प्रिंटआउट दिखा रही थी तो उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया। जब मैं उनसे दूर हो गई, तो उन्होंने कहा, 'हमें एक-दूसरे के और करीब आना चाहिए। इंटिमेसी से लोगों को कनेक्ट होने में मदद मिलती है।'

रघु मुझे इतना बुरा लगा कि मेरा दिल किया मैं ऑफिस की खिड़की से बाहर कूद जाऊं। पता नहीं, मैंने

तुम्हें इस बारे में तभी क्यों नहीं बता दिया। मैंने सोचा ऐसा बार-बार नहीं होगा। लेकिन आज उन्होंने फिर वहीं

किया। मैं उन्हें अपने लैपटॉप पर एक एक्सेल शीट दिखाने गई, तो उन्होंने मेरे गाल पर किस कर लिया और कहने

लगे कि मैं एक कश्मीरी गुलाब जैसी दिखाई देती हूँ। उसके बाद, आई एम नॉट थ्योर, लेकिन मुझे लगता है।

उन्होंने मेरा हाथ अपने, वेल, उसकी तरफ भी खींचा। ओह गॉश, यह सब बहुत ही भद्दा था। मैं इससे बाहर आना

चाहती हूं, लेकिन कैसे ? मैं क्या करूं? मैं बहुत कंफ्यूज्ड हो चुकी हूँ। कॉल मी सून

जारा। "यह सब सरासर झूठ है, प्रोफ़ेसर सक्सेना ने कहा, लेकिन उनकी आवाज़ कांप रही थी। "ये आपकी रिसर्च स्कॉलर का ईमेल है, जिसका मर्डर कर दिया गया है। और उसका प्रेसिडेंशियल गोल्ड

मेडलिस्ट मंगेतर इसका गवाह है. मैंने कहा। "तुम क्या कहना चाहते हो?"

'हॉस्टल का रजिस्टर बताता है कि आपने पिछले तीन महीने में आठ बार जारा के यहां विजिट किया। आप हॉस्टल की किसी और स्टूडेंट से तो कभी मिलने नहीं गए।" किसी ने दरवाज़े पर दस्तक दी।

‘सर्, आपने हमें बुलाया था?' इंस्टिट्यूट के सिक्योरिटी ऑफिसर ने भीतर जाते हुए कहा ।

उसके पीछे दो गार्ड खड़े थे। 'एक्चुअली, ' प्रोफ़ेसर सक्सेना ने कहा, 'अभी यहां सब ठीक है। आप लोग जा सकते हैं।' निक्योरिटी ऑफ़िसर्स ने हमें कंफ्यूज्ड और इरिटेटेड नज़रों से देखा और चले गए।

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