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हमसफ़र

सफ़र हैं तवील हमसफ़र की तलाश कर
मंजिल की जानिब राहगुजर की तलाश कर

भटकते भटकते  कभी मिल जाती है मंजिल
कब तक फिरेगा दर-बदर एक दर तलाश कर

अब तू अपनी तलाश को महदूद करके चल
तेरा जिसको है इंतजार वो नज़र तलाश कर

सारी दुनिया देखकर अपना वतन अच्छा लगा
आ लौट चल गांव 'राही' कच्चा घर तलाश कर

घर से निकला था चुपचाप तू अंधेरी रात में
अपने अंदर आंसुओं की कतर तलाश कर

मां ने इश्तिहार दिया था लौट आ लाल मेरे
अख़बार पढ़ पुराने ये भी ख़बर तलाश कर

बाप ख़ामौश ही रहा फिर जब तक भी रहा
फातिहा पढ़ने को उसकी  कबर तलाश कर

कामयाबी क़दम चूमती मां की दुआओं के संग
अग़र इजाज़त मां बाप की ले सबर तलाश कर




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14 Comments

Gunjan Kamal

13-Jun-2023 01:52 AM

👏👌

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अनीस राही

13-Jun-2023 09:26 PM

Shukriya

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Abhinav ji

12-Jun-2023 09:00 AM

Very nice 👍

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अनीस राही

13-Jun-2023 09:26 PM

Thankyou 🙏

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Punam verma

12-Jun-2023 07:53 AM

Very nice

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अनीस राही

13-Jun-2023 09:27 PM

Thankyou 🙏

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