siddiqui

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Gazal3

झूठा ही सही

झूठा ही सही प्यार का खिताब दे दो।
पढ़के दिल बहला सके वो किताब दे दो।

रखते हैं थोड़ा सच्चा थोड़ा कड़वा अक्स।
ढक सके यह सच्चाई वह हिजाब दे दो।

बड़ी आस रखे हैं लब मेरे उड़ती बदली से।
ओस की बूँद बनकर लबों को आब दे दो।

मत मोल करो दिल का बेशुमार भाव है।
बस जो गिरी थी दिल पे उस का हिसाब दे दो।

नहीं कटेगी बिना सहारे तन्हाई में रातें।
हो सके दो पल का एक ख्वाब दे दो |#❤️🅰️🥰

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2 Comments

Khushi jha

11-Oct-2021 12:32 PM

बेहतरीन

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Shalini Sharma

05-Oct-2021 03:56 PM

Nice

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