प्रेम ढीठ है
मृत्यु के बाद भी साथ निभाने वाले लोग अक्सर बदल जाया करते है। ये बात सत प्रतिशत सत्य है आकर्षण में,
अब रही बात प्रेम की तो प्रेम में दर्शन है प्रदर्शन नहीं। दूसरी बात प्रेम पीपल की तरह कही भी विपरीत परिस्थिति में पनप जाता है तो बदलने की कोई गुंजाइश ही नहीं है।
या कहूँ आकर्षण तो बसंती फूल है कही भी कभी भी माहौल देखा खिल गये अब प्रेम की बात अलग है वो ठहरा शिरीष सा , ढीठ है ,न डिगेगा न झुकेगा गर्मी हो लूँ हो वर्षा हो या सर्दी बाकी मृत्यु तो आ
Mahendra Bhatt
29-Jun-2023 09:13 PM
👌
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shweta soni
25-Jun-2023 12:10 AM
👌👌
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Gunjan Kamal
24-Jun-2023 11:32 PM
👌👏
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