तेरी कमी
जहां कहीं भी जाएगी तू
यादें मेरी पीछा करेंगे तेरा
कैसे जी पाएगी अकेले तू
ममता न छोड़ेगी दामन तेरा
परेशान है क्यों आज तू
चेहरा भी है उदास तेरा
कालिमा देख सहमी आज तू
छिटका क्यों साहस आज़ तेरा
ये देख मत घबरा तू
हुआ न जो आज़ तेरा
साहस बटोर के सह तू
कल वो चूमेगा पाँव तेरा
बन पैगाम मौत का तू
कर रहा जो शोषण तेरा
रोंद जुल्म को आज तू
भागेगा शोषक सुन नाम तेरा
अंधेरा न अब पाएगी तू
है खुशी को इंतजार तेरा
कैसे संभाल पाएगी इसे तू
नई सुबह करे इंतजार तेरा
मौलिक रचना
उदयवीर भारद्वाज
भारद्वाज भवन
मंदिर मार्ग कांगड़ा
हिमाचल प्रदेश 176001
मोबाइल 94181 87726
Gunjan Kamal
24-Jun-2023 11:47 PM
👏👌
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ऋषभ दिव्येन्द्र
16-Jun-2023 12:21 PM
बहुत खूब 👌👌
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Abhinav ji
16-Jun-2023 08:03 AM
Very nice 👍
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