Sonia Jadhav

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विश्वास

यूँ तो "विश्वास" शब्द कहने में बड़ा मजबूत लगता है
लेकिन आजमाइश के वक़्त, परिस्थितियों के समक्ष
रिश्तों की भीड़ में, इसका वजूद बेहद तन्हा दिखता है।

विश्वास करना है तो कर सकते हो इस शब्द "विश्वास" पर
लेकिन अक्सर यह धोखेबाजों का औजार लगता है।

जिस तरह सब कुछ धरा पर , परिस्थिति के अनुरूप बदलता है।
ठीक वैसे ही विश्वास कभी गिरता है, कभी सम्भलता है।

लेकिन एक बार टूट जाये अगर विश्वास, तो यह फिर ना कभी अपनी जड़ें पकड़ता है।

#लेखनी प्रतियोगिता
# लेखनी कविता प्रतियोगिता

सोनिया जाधव

   5
6 Comments

Swati chourasia

05-Oct-2021 05:55 PM

Very nice 👌

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Sonia Jadhav

09-Oct-2021 06:35 PM

बहुत बहुत आभार🙏🙏

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Shalini Sharma

05-Oct-2021 01:10 PM

अति सुंदर

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Sonia Jadhav

09-Oct-2021 06:35 PM

बहुत बहुत आभार🙏🙏

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Mukesh Duhan

05-Oct-2021 12:54 PM

बहुत सुंदर जी

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Sonia Jadhav

09-Oct-2021 06:35 PM

बहुत बहुत आभार🙏🙏

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