-बली
2112 2112 2112 2112 सारस छँद
----------बली
दर्प भरा दुर्जन में शांत खड़ा सज्जन है
सज्जन आया कर के दुर्गुण का भंजन है।
जो बलशाली वह काली भय से दूर रहे,
बुद्धिबली मानवता की मय में चूर रहे,
शांति सदा मोल करो श्रेष्ठ बड़ा बोल करो,
शीतलता में हम ढूढ़े, अपना रंजन हैं
सज्जन...........
संचित सामर्थ्य करो शक्ति रखो रोक नहीं
हृदय में बैर छिपा पीठ छुरी भोक नहीं,
भावबली तो शुभ सच्चा मन में भाव भरे
बेल लता भू फुलवारी भंवरे का गूँजन है
सज्जन ......
झूठ कहे देख मुझे शास्वत हूँ साख हरा
लाख जला सत्य बली किंतु रहा राख खरा,
अतम्बली प्रेम दया का रखता है साथ छड़ी,
भाग बली संकट का डाल रहा अंजन है
सज्जन....
-----------ममता तिवारी *ममता*(छत्तीसगढ़)
Shashank मणि Yadava 'सनम'
17-Jun-2023 08:35 AM
बेहतरीन अभिव्यक्ति
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Abhinav ji
17-Jun-2023 08:19 AM
Very nice 👍
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Punam verma
17-Jun-2023 01:00 AM
Very nice
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