लेखनी प्रतियोगिता -16-Jun-2023
अक्सर ढलती रातों में
उलझे सुलझे हालातों में
मैं खुद को ढूंढा करता हूँ
लोगो की उलझी बातों में।
मैं कौन हूँ क्या हूँ किसका हूँ
किस कारण जग में रहता हूँ
मैं समय को धक्का देता हूँ
या खुद इस धार में बहता हूँ।
जो करता हूँ क्यों करता हूँ
क्या पाना बाकी है मुझको
क्या जानता हूँ वो सच है या
क्या जानना बाकी है मुझको।
मुझसे भी पहले दुनिया थी
मुझसे आगे भी रह जायेगी
आए जायेगे लोग सदा
बस मेरी कहानी ढह जाएगी।
जो चाहता हूँ क्यों चाहता हूँ
क्या आवश्यकता है मेरी
क्या जीवन को छू पाया हूँ
या भरम सुहानी बस मेरी।
कोई तो बतला दे मुझको
रस्ता तो दिखला दे मुझको
जीवन की असली सच्चाई
कोई तो समझाए मुझको।।
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kashish
18-Jul-2023 02:40 PM
Beautiful
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Gunjan Kamal
20-Jun-2023 04:53 AM
👏👌
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Abhinav ji
17-Jun-2023 08:15 AM
Very nice 👍
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