लेखनी प्रतियोगिता -17-Jun-2023 मैंने सपना देखा
कुंडलिया
विषय-सपनों की दुनिया
शीर्षक-देखे मैंने सपने
सपने देखो जागते, चलो लक्ष्य की ओर।
तरुण सवेरा हो गया,कोयल करती शोर।।
कोयल करती शोर, त्याग तुम करना आलस।
चलो सुगम पथ आज, दिखाना अपना साहस।।
कहे प्रिया कविराय, सभी अब होते अपने।
मंजिल होती साथ ,पूर्ण सब होते सपने।।
देखा सपना एक था, लिखूॅं छंद में ताल।
लिखे दोहे कुंडलिया, बुने शब्द का जाल।।
बुने शब्द का जाल, हमेशा भाव बनाता।
बनता रचनाकार, सप्तरस को दर्शाता।।
कहे प्रिया कवि राय, बनी है भाग्य सुरेखा।
मिले नेक परिणाम, आज हम सबने देखा।।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया ✍️
Mahendra Bhatt
29-Jun-2023 09:12 PM
👌👌
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Gunjan Kamal
24-Jun-2023 11:30 PM
👌👏
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वानी
18-Jun-2023 04:05 PM
Nice
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