तोहफ़ा
खुदा ने दिया तोहफ़े में ये शरीर खूबसूरत।
गिरफ्त में बुरी आदतों के करते क्यूँ बदसूरत।
शरीर है नेमत खुदा की रखिये इसे संभाल।
ज़ीस्त के हर मुकाम पर पड़ती है ज़रूरत।
अच्छा शरीर होता पहचान शख्शियत की।
तो क्यूँ पालते हो बुरी आदतों की फ़ितरत।
असकाम छोड़कर नेकी की राह पकड़ो।
करनी सदा सीखो भले लोगों की सोहबत।
आँखों मे चमक रहती,और दिल में सुकून।
होती है जिनकी हर वक्त नेक नीयत।
तहरीर ऐसी लिख दो ज़माने तक पढ़ी जाए।
रखें याद ससको समझ खुदा की इबादत।
नतीज़ा देख लेना करके कभी कुछ नेकियाँ।
साथ देगी हर काम में तेरी ज़रूर कुदरत।
स्नेहलता पाण्डेय \\'स्नेह\\'
Shalini Sharma
12-Oct-2021 11:11 PM
Right mam
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Khushi jha
11-Oct-2021 12:29 PM
वाह
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Zakirhusain Abbas Chougule
06-Oct-2021 05:00 PM
Nice
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