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तलाक

*तलाक...*

शादी एक बहुत ही पवित्र रिश्ता होता है।लोग इस रिश्ते के लिए ईश्वर को साक्षी मानकर प्रण लेते है सात फेरों से सजी इस रिश्ते मे दोनों के ही परिवार और सगे सम्बन्धी भी एक हो जाते हैं ।
शादी-विवाह मे सिर्फ 2 लोगों के मिलने से ही नहीं पूर्ण होती इसके साथ साथ 2 परिवारों के रिश्ते भी बन जाते है।कितने खुशनसीब होते हैं वो लोग जिनकी शादी होती है और इस शादी के साथ साथ अनगिनत रिश्ते जुड़ जाते हैं।
लेकिन ये क्या यही रिश्ते जो इस तरीके से बने और इस रिश्ते की वजह से दोनों परिवारों के बीच जो मधुर सम्बन्ध स्थापित हुए है।

 *वहाँ तलाक जैसा विवाह-विच्छेद जैसा वाक्य सुनने को मिले तो क्या होगा?*
बहुत ही दुखद खबर, शायद ही कोई चाहेगा की अपनी जिंदगी मे इस अपसगुन से सामना हो।

*पति-पत्नी का रिश्ता सात जन्मों के लिए होता है ऐसा हिन्दु धर्म ग्रंथ और भी दूसरे धर्मों के लोग मानते हैं ।इसमें विवाह-विच्छेद करना बिल्कुल भी सही निर्णय नहीं होगा...
*लोगों को कोशिश करनी चाहिए की जितना हो सके वो शादी विवाह जैसे पवित्र रिश्ते को बचाने और आपसी मनमुटाव को दूर करने की कोशिश करें। क्योंकि इस विच्छेद के बाद सिर्फ 2 लोग अलग नहीं होते बल्कि इस माध्यम से जो और रिश्ते बने हैं उनका क्या होगा,बच्चे सबसे जरूरी अंग इस विच्छेद के बाद उनका क्या होगा वो कहाँ जाएंगे बेचारे, आखिर उनका इसमें क्या दोष जो उनको इस विवाह विच्छेद के बाद मिलने वाली है....?*

*विवाह सम्बन्ध स्थापित करने के पूर्व की जाने वाली जरूरी चीजें___*
हमें कोशिश करनी चाहिए की विवाह सम्बन्ध स्थापित करने से पूर्व दोनों परिवारों की सहमति आवश्यक हो और साथ ही साथ पति-पत्नी के लिए योग्य वर और वधु को भी एक दूसरे को समझने का पुरा वक्त दिया जाये...,जल्दबाजी बिल्कुल भी अच्छी नहीं होती ऐसे सम्बन्ध स्थापित करने मे क्योकि ये सम्बन्ध कोई गुड्डे गुड़ियों का खेल नहीं जो खराब हुआ तो दूसरा लाकर दे देंगे...
 और सम्बन्ध बनने के बाद जितना हो सके नकारात्मक चीजों से अपने आपको जितना दूर रखेंगे उतना ही इन दोनों के लिए अच्छा होगा।
*वैसे शादी शुदा जिंदगी मे किसके साथ परेशानी नहीं है।खट-पिट जीवन मे लगा ही होता है और उससे भी जरूरी आपसी प्रेम और विश्वास का एक दूसरे के प्रति होना बहुत ही आवश्यक है।*
और दोनों ही युगल को इसका समर्थन करने चाहिए।
और जीवन मे कम्प्रोमाइज और क्षमा के लिए विशेष स्थान होना चाहिए क्योकि इसकी जरूरत जीवन के हर पड़ाव मे पड़ेगी।

गलती होने पर क्षमा मांग लेना और घर परिवार और बच्चों के लिए कम्प्रोमाइज कर लेने से रिश्ते बने रहते हैं तो ऐसा करने मे कैसी शर्म।
 *त्रिभुवन गौतम s/o शिव लाल*
 *शेखपुर रसूलपुर चायल कौशाम्बी उत्तर प्रदेश भारत।*

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9 Comments

madhura

19-Aug-2023 02:49 PM

nice

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Radhika

23-Jun-2023 06:57 PM

Nice

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Natasha

23-Jun-2023 06:48 PM

Nice

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