जिन्नजादी
युसूफ अली बिलाल से कहता है
चाचू हो अगर आप साथ हो तो मुझे किसी बात का डर नहीं।
आप मेरी बिल्कुल फिक्र मत करो
मैं बिना डरे साधना सफल करूंगा।
मुझे इस मुश्किल वक्त में आपका साथ देना है।
मैं आज जो कुछ भी हूं सिर्फ आपकी वजह से
इस खतरनाक वक्त में मैं आपको अकेला कैसे छोड़ सकता हूं।
बिलाल बहुत भावनिक हो जाता है
उसकी आंखें नम हो जाती है।
वो युसूफ अली से कहता है
मुझे बहुत फक्र है बेटा तुम पर
तुम बहुत ही अच्छे इंसान हो।
इस मुश्किल घड़ी में अपनी जान की फिक्र ना करते हुए
तुम मेरा साथ दे रहे हो।
युसूफ अली कहता है
यह तो मेरा फर्ज है वही निभा रहा हूं।
आप की खातिर मैं अपनी जान निछावर कर दूंगा।
मुझे पता है जंग बहुत बड़ी है।
जितना बहुत ही मुश्किल
नामुमकिन के बराबर है।
अगर हम मिलकर लड़ेंगे तो यकीनन जीत हमारी ही होंगी।
खुदा हमारे साथ है
फिर हमें किस बात का डर।
बिलाल कहता है
तो ठीक है कल तक तुम अपने सारे जरूरी काम कर लो।
कल शाम को हम पास वाले जंगल में जाकर साधना का आरंभ करेंगे।
3 दिन तक साधना करके
शक्तियां प्राप्त करके
हम उस भूतिया गांव की तरफ निकल पड़ेंगे।
वहां जाकर पता करेंगे
आखिर वह खूंखार शैतान कौन है ?
और सायरा को उसके चंगुल से छुड़ाने की पूरी कोशिश करेंगे।
युसूफ अली कहता है
ठीक है चाचू
दूसरे दिन सारा काम निपटा कर
बिलाल और युसूफ अली जंगल की तरफ निकल पड़ते हैं।
रात के तकरीबन 8:00 बजे वह दोनों जंगल में पहुंच जाते हैं।
वहां पहुंच ने के बाद वो वहा की एक गुफा में साधना करने जाते हैं।
बिलाल युसूफ अली से कहता है
युसूफ बेटा अब मेरी बात
गौर से सुनना
मै आज मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी
साधना करने जा रहा हूं।
ये सफल होगी या नहीं
ये मैं भी नहीं जानता
लेकीन हमे पूरी कोशिश करनी होगी।
ये साधना जितनी मुश्किल से
उतनी खतरनाक भी।
मै साधना में लीन होने जा रहा हूं
मै तुम्हे कुछ मंत्र देता हू
तुम्हे लगातर बिना रुके मंत्रो का जाप करना होगा।
जैसे ही हम साधना के दुसरे चरण में पहुंचेगे।
मेरे सारे गुलाम जिन्न साधना करने के लिए आ जायेगे।
तुम्हारे पास जिन्नो को काबू करने का
या उन से बचने का कोई तंत्र नहीं।
तुम्हे इनकी सारी जानकारी देने के लिए
इतना वक़्त नहीं हैं।
बस तुम बिना डरे मंत्रो का जाप करते रहना।
जब तक तुम जाप करते रहोंगे
तुम्हे नुक्सान नहीं होंगा।
वो तुम्हे बहोत डराने की कोशिश करेंगे
तुम्हारा जाप बंद करने के लिए
तुम्हे किसी भी सूरत में जाप नहीं बंद करना हैं चाहे कुछ भी हो जाए
वरना उसकी भारी किमत चुकानी होंगी।
मैं साधना का आरंभ करने जा रहा हूं
क्या तुम पूरी तरहा से तय्यार हो।
युसूफ अली कहता है
हा चाचू मैं पूरी तरहा तय्यार हूं
आप ने जैसा बोला मैं वैसा ही करूंगा
आप मेरी फिक्र मत करो।
साधना की शुरुआत करो आप।
बिलाल कहता है ठिक हैं
बिलाल आखें बंद करके साधना में लीन हो जाता है।
युसूफ अली भी बिलाल ने दिए हुवे मंत्रो का जाप करने लगता हैं
दोनों साधना में पूरी तरहा से लीन हो जाते हैं।
साधना आरंभ हुए 1 घंटे का वक़्त हो जाता हैं
यूसुफ अली पूरी लगन से मंत्रो का जाप करने लगता हैं
वहां के हालात बिल्कुल ठिक होते हैं।
लेकीन जब थोड़ा और वक़्त गुजरता है
मौसम बदलने लगता हैं।
यूसुफ अली को दबी दबी सी लेकिन
भयानक चीखे सुनाई देने लगती है।
बंद गुफा में हवाए चलने लगती है
हवा के हर एक झोके में ड़र छुपा हुआ था।
अँधेरे ने भी काली चादर ओढ़ रखी थी।
हर तरफ सिर्फ ड़र ही ड़र छाया था।
Gunjan Kamal
24-Jun-2023 12:16 AM
👌👏
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Shnaya
23-Jun-2023 11:33 PM
V nice
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Varsha_Upadhyay
23-Jun-2023 02:57 PM
बहुत खूब
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