NEELAM GUPTA

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नारी


नाजुक नारी

नारी का दिल बहुत नाजुक होता है।
ज़रा सम्भल कर हाथ थामना।
समझना ना सुन्दर एक खिलौना।
प्यार की चाबी से चलाना।
प्यार की सूरत।
ममता की मूरत।
इसको बिखेरने की मत सोचना।
कहने को नाजुक है।
इरादे दृढ़ रखती है।
आँखो में चाहे आँसु हो।
ठोकर में जमाना रखती है।
बन जाए जब काली तो।
काल भी बदल दे।
सीने में दुध रहता है।
अपनी आवाज़ बुलंदी से।
ज्वाला मुखी बन ।
सब जलाकर राख करदे।
अच्छो के लिए अच्छी है।
तुफान रोकने की ताकत रखती है।
टुटे ना जो चट्टानों से।
प्यार की एक फूंक से पिघल जाती है।

नीलम गुप्ता 🌹🌹(नजरिया )🌹🌹
दिल्ली 

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6 Comments

Kirtika

27-May-2021 02:31 PM

सुन्‍दर

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Satesh Dev Pandey

13-Mar-2021 10:15 PM

शानदार प्रस्तुति

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NEELAM GUPTA

18-Mar-2021 02:48 PM

धन्यवाद जी

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Abhishek sharma

13-Mar-2021 08:21 PM

Bohut achcha likha apne

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