Add To collaction

योग-दिवस

*प्राणायाम*
         *योग-दिवस*
दिवस साधना का यही,योग-दिवस सुन भ्रात।
प्रथम कार्य बस योग ही,करना नित्य प्रभात।।

स्वस्थ रखे तन को यही,दे मन-शुद्ध विचार।
धन्य पतंजलि ऋषि रहे,किए जो आविष्कार।।

प्राणायाम व भष्तिका,सँग अनुलोम-विलोम।
भ्रमर-भ्रामरी साथ में,अतुल शक्ति रवि-सोम।।

सफल योग उद्गीत है,रखे कुशल मन-गात।
इसको करने से मिले,तत्क्षण रोग-निजात।।

ऋषि-मुनि-ज्ञानी-देव सब,सदा किए हैं योग।
कलि-युग औषधि बस यही,समझें इसे सुभोग।।

मूल-मंत्र बस योग ही, होता रक्षक प्राण।
करे योग को रोज जो,उसका हो कल्याण।।

आओ मिलकर सब करें,नित्य योग-अभ्यास।
भर देगा यह योग ही,जीवन में उल्लास।।
             ©डॉ0हरि नाथ मिश्र
                 9919446372

   26
7 Comments

Punam verma

22-Jun-2023 08:45 AM

Very nice

Reply

खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति

Reply

Abhinav ji

22-Jun-2023 07:35 AM

Very nice 👍

Reply