बचपन
बचपन
पचपन में बचपन की बातें कुछ बचकानी लगती हैं
भूली बिसरी याद सुहानी कुछ रूमानी लगती हैं।
कैसा बीता, बीत गया वो मंजर बहुत सुहाना था
बचपन के कुछ साथी थे उनका ये अफसाना था।
रंग बिरंगी थी वो दुनिया, दुनिया भर के रंग लिए
तितली,भंवरे और पुष्प कई जिनके हम संग जिए।
एक छोटा सा बस्ता था जिसमें भरे हुए थे सपने
पुस्तक, कॉपी, कलम, सियाही ये सब थे साथी अपने।
पिट्ठू, कंचे, छुपम छुपाई ये सब खेल हमारे थे
गुड्डे गुड़िया की शादी में शामिल हम सारे थे।
दो पैसे की टॉफी में मजा बड़ा ही आता था
लड्डू और जलेबी खाना सबको बहुत ही भाता था।
नंदन, चंपक, चंदामामा जब भी घर में आते थे
सारे भाई बहन मिलकर पढ़ने को उधम बहुत मचाते थे।
कम थे साधन पर खुशियों की कमी नहीं थी
सरल था जीवन घर छोटा था फिर भी आंखों में नमी नहीं थी।
आभार – नवीन पहल – २२.०६.२०२३🌹🌹
# प्रतियोगिता हेतु
Punam verma
23-Jun-2023 09:31 AM
Very nice
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
23-Jun-2023 08:04 AM
वास्तविक चित्रण,,,
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Abhinav ji
23-Jun-2023 07:50 AM
Very nice 👍
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