मां आओ
अश्रु पूर्ण नेत्र,
संतप्त हृदय,
हर्ष उल्लाष मिश्रित मनोभाव से,
घर में स्वागत है माँ तेरा,
सब को देखो बारी बारी ,
खुशहाली फैलाओ घर आंगन में,
कुमकुम रंगे तेरे पाओं में,
अर्पित कर दू अपने अभिमान को,
मन गरबा सा यूं घूम रहा,
छाई मस्ती की बहार है,
आओ माँ अब तू देर न कर पावन कर दे हर आंगन को.
Shalini Sharma
06-Oct-2021 09:48 PM
Very nice
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