लेखनी कहानी -01-Jun-2023 कातिल कौन
भाग 32
सरकारी वकील और थानेदार मंगल सिंह ने हवा में जो किला खड़ा किया था हीरेन दा ने उसे अपने दस्तावेज, गवाह और दलीलों से ध्वस्त कर दिया था । नीलमणी त्रिपाठी ने बहस में इस तथ्य पर बहुत अधिक जोर दिया था कि अक्षत एक बहुत कुशल पेन्टर है और उसने अनुपमा का एक एल्बम "माई फ़र्स्ट लव" बनाया था । उसकी पेन्टिंग्स ने ही अनुपमा को उसकी ओर आकर्षित किया था । पर अक्षत ने अपने बयानों में साफ कर दिया था कि उसे पेन्टिंग्स बनानी नहीं आती है । सरकारी वकील ने अक्षत का अनुपमा से लगाव ऐसा जोड़ा कि उन्होंने यहां तक कह दिया था कि अनुपमा और अक्षत के मध्य शारीरिक संबंध थे और अनुपमा के अंगवस्त्र अक्षत ने अपने कमरे में ही रख लिये थे । पर अक्षत ने अपने बयानों में कहा कि उसने वे अंगवस्त्र न कभी देखे थे और न ही अपने कमरे में रखे थे ।
सरकारी वकील की कहानी के अनुसार अक्षत और अनुपमा में प्रेम संबंध होने के कारण सक्षम इससे बहुत नाराज था और उसने उन दोनों को मारने के लिए राहुल नाम के एक सुपारी किलर को दस लाख रुपए में हायर कर लिया था । पर हीरेन ने सरकारी वकील के समस्त आरोपों की धज्जियां उड़ा दी थी इससे सरकारी वकील नीलमणी त्रिपाठी हीरेन से आगबबूला हो गये । वे इससे भी चिढे हुए थे कि हीरेन के पान जज साहब क्यों खा रहे हैं ? गुस्से में वे अपनी सीट से उठकर खड़े हो गये और बोलने लगे
"योर ऑनर, मेरे काबिल दोस्त का कथन है कि पेन्टिंग्स का वह एल्बम अक्षत ने नहीं बनाया था । मगर उन्होंने यह नहीं बताया कि वह एल्बम किसने बनाया था ? अगर अक्षत ने नहीं बनाया था तो क्या कोई प्रेत या चुडैल ने बनाया था वह एल्बम ? मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि वह एल्बम अक्षत ने ही बनाया था । सबसे बड़ी बात यह है मी लॉर्ड कि वह अक्षत के कमरे की वार्डरोब की दराज में से बरामद हुआ था जिसकी चाबियां सिर्फ अक्षत के पास रहती थीं । यदि उसने नहीं बनाया था तो फिर उसके दराज से कैसे मिला था वह एल्बम ? इतना ही नहीं अनुपमा के अंगवस्त्र भी उसी की वार्डरोब से बरामद हुए थे । अक्षत तो इनके लिए भी मना कर रहा है कि उसने नहीं रखे थे वे अंगवस्त्र । यदि एक बार उनकी बात मान भी ली जाए तो मेरे विद्वान साथी क्या अदालत को ये बतायेंगे कि उन्हें वहां किसने रखा था ?
और तो और योर ऑनर, अब तो अक्षत ने स्वयं स्वीकार कर लिया है कि उसने 31 मई की रात को अनुपमा के घर में ही सेक्स किया था जिसकी गवाह एक बैडशीट है और उसकी जांच रिपोर्ट भी है । वह रिपोर्ट तो झूठी नहीं हो सकती है योर ऑनर । हत्या में प्रयुक्त होने वाला चाकू भी अक्षत के कमरे से ही बरामद हूआ था । क्या ये पर्याप्त सबूत नहीं हैं इन तीनो को सजा दिलवाने के लिए" ? सरकारी वकील नीलमणी त्रिपाठी हीरेन दा को खा जाने वाली निगाहों से देख रहे थे । हीरेन दा ने सरकारी वकील की वॉट लगा दी थी इससे वह बहुत नाराज था ।
लंच के दौरान मीना ने अपने हाथों से बने हुए खाने को अपने नर्म नर्म हाथों से हीरेन को खिलाया था तो हीरेन की सारी थकान उतर गई थी । खाने से ज्यादा ऊर्जा उसे मीना के प्रेम से मिलती थी । प्रेम में वो ताकत है जो मरते हुए इंसान को भी जिंदा कर देती है । मीना अपने हाथों से हीरेन को खाना खिला रही थी और अपनी आंखों से उसे प्यार के जाम पिला रही थी । हीरेन मीना के बनाए हुए खाने से तो तृप्त हो गया था मगर उसके प्यार से अभी तक तृप्त नहीं हुआ था वह । हीरेन का वश चलता तो वह उसे भरी अदालत में प्यार कर लेता मगर लोक लाज भी कोई चीज होती है ना ? उसे देखकर वह मन मसोस कर रह जाता था ।
खाना खिलाने के बाद मीना ने एक शरबती पान हीरेन को खिलाया । पान खाकर हीरेन फिर से सरकारी वकील की बखिया उधेड़ने के लिए खड़ा हो गया । सरकारी वकील की ताजा बहस का जवाब देते हुए हीरेन कहने लगा ।
"योर ऑनर, मैं तो समझता था कि मेरे काबिल दोस्त सरकारी वकील साहब केवल मधुर कहानियां ही सुनाते हैं । मगर आज पता चला कि ये कभी कभी ढंग की बात भी कर जाते हैं । इन्होंने सही कहा है कि यदि ये पेन्टिंग्स अक्षत ने नही बनाई तो फिर किसने बनाई और वे अक्षत के कमरे में कैसे पहुंची ? योर ऑनर, ये तो तय बात है कि किसी न किसी ने वे पेन्टिंग्स बनाई अवश्य हैं और किसी न किसी ने उन्हें जानबूझकर अक्षत के कमरे में स्थित वार्डरोब की दराज में रखा था जिससे उसे फंसाया जा सके । पर वह व्यक्ति है कौन ? इस पर रोशनी डालने के लिए मेरे असिस्टेंट ने एक आदमी को पकड़ रखा है । अगर आपकी अनुमति हो तो मैं उसे विटनेस बॉक्स में बुलवा लूं ?
"अनुमति है" जज साहब का नपा तुला जवाब यही रहता है ।
दरबान बाहर आवाज लगाने लगा "विकास सिंह हाजिर हो"
विकास सिंह को हीरेन दा के दो आदमी पकड़ कर अंदर ले आए । वह विटनेस बॉक्स में खड़ा हो गया तब हीरेन उससे पूछताछ करने लगा
"आपका नाम" ?
"विकास सिंह"
"उम्र" ?
"आप ही देख लो न साहब" ?
"अपने मुंह से बताओ ?
"यही कोई 30 - 40 होगी जज साहब"
विकास सिंह की बातों से अदालत में हंसी का फव्वारा छूट गया था । जज साहब ने अपना हथौड़ा दो बार मेज पर ठोका तब जाकर माहौल शांत हुआ । हीरेन ने फिर से पूछना चालू कर दिया
"ऐसे नहीं, एक्जेक्ट बताओ" ?
"32 साल"
"क्या काम करते हो" ?
"कलाकार हूं साहब"
"मतलब चित्रकार हो" ?
"नहीं साहब"
"तो गायक कलाकार हो" ?
"नहीं साहब"
"फिर कौन से कलाकार हो"
"हाथ की सफाई का कलाकार हूं" । इस पर फिर से हंसी छूट गई सब लोगों की ।
"ये कौन सी विधा है कला की ? ये कोई नई विधा विकसित हुई है क्या" ?
"नहीं साहब , ये विधा तो बहुत पुरानी है । आदिकाल से ही चली आ रही है" वह हंसते हुए बोला
"हमने तो कला की इस विधा के बारे में पहली बार सुना है । क्या होता है इस कला में" ?
"इधर का माल उधर होता है बस"
इस उत्तर से फिर से सबकी हंसी छूट पड़ी और हीरेन भी चौंक गया । उसने विकास की आंखों में देखकर जोर से कहा "अच्छा तो तुम एक चोर हो" ?
इस पर विकास ने बुरा सा मुंह बनाते हुए कहा "राम राम ! एक कलाकार को चोर बता रहे हो साहब, ये ठीक नहीं है । आप करके दिखा सकते हो क्या हाथ की सफाई ? नहीं ना ? देखा , इस कला को मेरे जैसे कुछ कलाकार ही करके दिखा सकते हैं" वह चिढ़कर बोला ।
"अच्छा कलाकार जी , ये बताओ कि आपने अपनी कला का प्रदर्शन कहां कहां किया" ?
"बहुत सारी जगह किया है साहब, कोई एक जगह किया हो तो बताएं" ?
"अच्छा तो ये बताओ कि आपने इन साहब के घर भी चोरी की थी क्या" ? हीरेन ने दर्शकों में बैठे क्षितिज की ओर उंगली करते हुए कहा ।
विकास ने क्षितिज को गौर से देखा और कहा "ऐसे याद नहीं आ रहा है साहब । आप तो ये बताओ कि ये रहते कहां हैं ? हम चोरियों को जगह के नाम से याद रखते हैं मालिकों के नाम से नहीं" ?
"ये पहाडग़ंज में रहते हैं । अब कुछ याद आया" ?
"याद आ गया साहब । सब कुछ याद आ गया" । विकास ने बुरा साहब मुंह बनाते हुए कहा "कुछ भी नहीं मिला इनके घर से , बस कुछ पेन्टिंग्स ही मिली थीं"
"अच्छा ! पेन्टिंग्स मिली थीं इनके घर से ? और कुछ नहीं मिला" ?
"नहीं साहब, और कुछ नहीं मिला था" । विकास सिंह उदास होकर बोला ।
हीरेन ने "माई फ़र्स्ट लव" वाला एल्बम उठा लिया और उसे खोलकर विकास को दिखाया और पूछा "ये पेन्टिंग्स पहचानते हो" ?
"हां साहब , खूब पहचानता हूं । ये पेन्टिंग्स इन बाबू साहब के घर में मिली थी"
"तुम इसे ही उठा लाये ? क्या सोचकर ले आये इसे" ?
"साहब, घर में चोरी लायक और कोई सामान नहीं मिला । फिर हमारी निगाहें इन पेन्टिंग्स पर पड़ी । ये बहुत खूबसूरत पेन्टिंग्स थीं और इनमें लडकी को कपड़े भी नहीं पहनाये थे साहब ने । बस, हमें पसंद आ गई और हम इसे उठा लाये" ।
"फिर तुमने क्या किया इन पेन्टिंग्स का" ?
"साहब हमारा एक दोस्त है समीर । एक दिन हम उसे ये पेन्टिंग्स दिखाने लगे तो उसे ये पेन्टिंग्स पसंद आ गई और इस किताब को वह उठाकर ले गया" ।
"एक बार इस चित्र को देखो और बताओ कि क्या यही तुम्हारा दोस्त है समीर" ? हीरेन ने लाश का विकृत चेहरे वाला फोटो उसे दिखाते हुए पूछा ।
विकास उस फोटो को खूब देर तक देखता रहा और बोला "साहब, ये चेहरा पहचान नहीं आवत है पर कपड़े तो उसी के लग रहे हैं । पर उसे ऐसे किसने मार दिया ? वह तो बहुत तेज तर्रार आदमी था"
"क्या करता था वह" ?
"अब क्या बतायें साहब ? लोग उसे सुपारी किलर कहते थे । पर वह पिछले एक डेढ महीने से कहीं गायब हो गया है साहब" । विकास बड़े दुख के साथ बोला
विकास के इस सनसनीखेज बयान से अदालत में हड़कंप मच गया । लाश की शिनाख्त राहुल के रूप में हुई थी लेकिन विकास उसे समीर बता रहा था । हीरेन भी चक्कर में पड़ गया । उसने राहुल का आधार कार्ड उसे दिखाते हुए कहा "क्या इसे पहचानते हो" ?
विकास ने उसे गौर से देखते हुए कहा "नहीं साहब, हम नहीं जानते हैं कि यह कौन है" ?
"ये आधार कार्ड लाश के पास पड़ा मिला था"
"हो सकता है साहब कि यह लाश राहुल की हो पर कपड़ों से तो वह समीर लगता है । समीर मेरा दोस्त था" । विकास वहीं बैठकर रोने लगा ।
अदालत में हड़कंप मच गया । नीलमणी और मंगल सिंह की हालत खराब हो गई । सब कुछ उल्टा पुल्टा हो गया था ।
इस पर नीलमणी त्रिपाठी ने एतराज जताते हुए कहा "योर ऑनर ! एक चोर की गवाही पर कैसे विश्वास किया जा सकता है ? और फिर वह पूरे यकीन से नहीं कह रहा है कि वह समीर है । वह तो कह रहा है कि कपड़ों से वह समीर लग रहा है । एक जैसी शर्ट तो कइयों की हो सकती है । फिर उस लाश को जिसकी शिनाख्त उसकी बीवी रीमा कर चुकी है , समीर कैसे मान सकते हैं" ?
जज साहब सोच में पड़ गये । फिर कहने लगे "सरकारी वकील ठीक कह रहे हैं । जब मृतक की पत्नी अपने पति की लाश की पहचान कर चुकी हो तो उसे एक चोर की गवाही से समीर नहीं माना ज सकता है । मिस्टर हीरेन, क्या इससे और कोई प्रश्न पूछने हैं" ?
"नो योर ऑनर । थैंक्स" ।
हीरेन ने शरबती पान के रस को गले से नीचे उतार कर अपनी लंबी लंबी जुल्फों को थोड़ा दांयें झटक कर उन्हें ऊपर की ओर उठाया और उनमें उंगली से कंघी करते हुए थोड़ा मुस्कुराते हुए कहने लगा
"योर ऑनर, मेरे काबिल दोस्त त्रिपाठी जी अदालत से पूछ रहे थे कि यदि वे पेन्टिंग्स अक्षत ने नहीं बनाईं तो फिर किसने बनाई थीं ? मेरे गवाह विकास सिंह ने उस एल्बम को पहचान लिया है जो उसने क्षितिज के घर से चोरी किया था और जिसे उसका दोस्त समीर अपने साथ ले गया था । अब मुझे उस एल्बम के बारे में क्षितिज से पूछताछ करनी होगी तभी उस एल्बम का राज खुल सकेगा । मैं अदालत से विनती करता हूं कि मुझे क्षितिज कुमार से पूछताछ करने की अनुमति दी जाए " ?
जज साहब के जीवन में भी इतना पेचीदा केस कभी नहीं आया था इसलिए उन्हें भी बड़ा अच्छा लग रहा था । अत: उन्होंने तुरंत इजाजत दे दी । क्षितिज कुमार को विटनेस बॉक्स में लाया गया और हीरेन ने उनसे पूछताछ आरंभ कर दी ।
"आपका नाम" ?
"क्षितिज कुमार"
"कहां रहते हैं" ?
"मकान नंबर 45 , रामनगर , पहाड़गंज"
"क्या काम करते हैं" ?
"एक एन जी ओ "सशक्त" चलाता हूं"
"एन जी ओ में पेन्टिंग्स का काम होता है क्या" ?
"नहीं, एन जी ओ में पेन्टिंग्स का काम नहीं होता है । पेन्टिंग्स तो मैं शौकिया बनाता हूं जिनमें से कुछ को बेचकर उस रकम को अनाथ बच्चियों को दान में दे देता हूं"
"ये एल्बम 'माई फ़र्स्ट लव' आपने बनाया था" ? हीरेन उसे वह एल्बम दिखाते हुए बोला ।
क्षितिज कुमार थोड़ी देर चुप रहा और नीचे की ओर देखता रहा । हीरेन ने दुबारा पूछा "ये एल्बम आपने बनाया था" ?
"जी साहब, मैंने ही बनाया था" ।
"इसमें जिस लड़की की पेन्टिंग्स बनाई है उसको आप जानते हैं क्या" ?
"जी हां, मैं उन्हें जानता हूं" उसने धीमी आवाज में कहा
"क्या नाम है उनका" ?
"अनुपमा"
"कैसे जानते हैं उन्हें" ?
"वो भी एक एन जी ओ 'उन्नयन' चलाती हैं । जब भी कभी एन जी ओ की बैठक होती है तो सभी लोग उसमें आते हैं । वहीं मुलाकात हुई थी उनसे"
"फिर आपने उनकी पेन्टिंग्स बना दी"
क्षितिज कुमार चुप हो गये ।
"क्या अनुपमा ने कहा था पेन्टिंग्स बनाने के लिए" ?
"जी नहीं"
"अच्छा, आपने अनुपमा जी के जो पोर्ट्रेट बनाए हैं वे क्या उन्हें सामने बैठाकर बनाये गये थे" ?
"नहीं , उन्हें तो पता ही नहीं है कि मैंने यह एल्बम बनाया भी है"
"इस एल्बम पर टाइटल लिखा है "माई फ़र्स्ट लव" । तो क्या अनुपमा आपका पहला प्यार है" ?
"सर, जब मैंने पहली बार अनुपमा जी को देखा तो मैं पहली बार में ही उनका दीवाना हो गया था । मेरे दिल और दिमाग में चौबीसों घंटे अनुपमा जी रहने लगी । बस, उन्हें ख्वाबों, खयालों में देख देखकर ही ये पेन्टिंग्स बना डालीं । तब तक मुझे यह पता नहीं था कि वे विवाहित हैं । मैं उनसे प्यार करने लगा था । वे मेरा पहला प्यार थीं । मगर एक दिन मुझे पता चला कि वे शादीशुदा हैं तो मेरा दिल टूट गया । तब मेरी स्टेनो अंशिका ने मुझे सहारा दिया तब जाकर में नॉर्मल हुआ । आज अंशिका मेरी पत्नी है और अनुपमा जी मेरी एक अच्छी दोस्त हैं इससे ज्यादा कुछ नहीं । मैं अनुपमा जी की न्यूड पेन्टिंग्स के लिए उनसे क्षमा याचना करता हूं" । कहते कहते क्षितिज का गला भर आया था ।
अब सब कुछ शीशे की तरह साफ हो गया था । सरकारी वकील नीलमणी त्रिपाठी का सिर झुका हुआ था ।
श्री हरि
22. 6. 23
Gunjan Kamal
24-Jun-2023 12:06 AM
👏👌
Reply
Hari Shanker Goyal "Hari"
24-Jun-2023 10:01 AM
🙏🙏
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वानी
23-Jun-2023 07:32 PM
Nice
Reply
Hari Shanker Goyal "Hari"
23-Jun-2023 08:53 PM
🙏🙏
Reply
Punam verma
23-Jun-2023 09:35 AM
Very nice
Reply
Hari Shanker Goyal "Hari"
23-Jun-2023 02:00 PM
🙏🙏
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