Priyanka06

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -23-Jun-2023 बन गया मैं कसूरवार

किया जब हमने इजहार,
उजड़ गया मेरा संसार।

किया मेरे दिल पर घात,
बन गई वह अंतिम रात।

जैसे दिल पर आया तूफान,
ले गया हमारी मुस्कान।

ऑंसुओं का बहा सैलाब,
बन गई ऑंखें तलाब।।

दिल पर लगी चोट हजार,
किसको कहूॅं कसूरवार।

नैन हुए मेरे लाल,
चली तुमने कैसी चाल।

बनकर आई रात्रि काल,
कर गई मुझको बेहाल।

इजहार ना करता तुम्हें काश,
रहती सदा तुम मेरे पास।

हमसफर न बनकर मित्र रहती,
मित्र बनकर हर सत्र रहती।।

बनकर पूर्णिमा का उजास,
रहती दिल में बनके खास।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया


   18
6 Comments

madhura

29-Jun-2023 04:31 PM

nicee

Reply

Punam verma

24-Jun-2023 07:40 AM

Very nice

Reply