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आया तेरे द्वार मां!




भटका हुआ हूं मैं, मां..
उलझी राहों का मुसाफिर
खोया हुआ हूं मैं, मां..
जाने मेरा मन खोया कहां फिर!

तेरे सिवा अब कौन है मेरा
देख के दुख सब मौन है मेरा
माते! तू ही बता क्या करूं

हो..! दौड़ा चला आया तेरे द्वार मां
बालक को रख लें अपने शरण में
दुखों की सब ओर छाया मां
रख लें तू मुझको अपने चरण में!


मैं बालक बुद्धिहीन, स्वार्थी
खुद के सिवा कुछ, न आया नजर मां
अपनी नजरों का मैं अपराधी
मैं कैसे कहूं, तू ही कुछ कर मां!

सहा ना जाए, कहा ना जाए
कहे बिना रहा भी ना जाए
माते! तू ही बता क्या करूं

तू जगदम्बा, जगतजननी मां
मेरे सब दुखो को आज हर ले
हो..! दौड़ा चला आया तेरे द्वार मां
बालक को रख लें अपने शरण में
दुखों की सब ओर छाया मां
रख लें तू मुझको अपने चरण में!


#MJ 
#प्रतियोगिता

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8 Comments

Kumawat Meenakshi Meera

08-Oct-2021 10:30 AM

सुंदर

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Dhanyawad

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Niraj Pandey

08-Oct-2021 10:18 AM

जय माता दी🙏

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Jay mata di ❤️

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Anju Dixit

08-Oct-2021 08:53 AM

बढ़िया स्तुति

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Dhanyawad

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