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द गर्ल इन रूम 105

"थ्योरी तो ठीक हैं, लेकिन हम यह कैसे साबित करेंगे कि यह फ़ैज़ ने किया है?" मैंने कहा। हम हाउसबोट की डायनिंग टेबल पर नाश्ता कर रहे थे। सौरभ ने अपनी प्लेट में टोस्ट की छह स्लाइस ली

थीं और उन पर प्यार से मस्का लगा रहा था।

'हमारे पास ईयररिंग्स हैं, सौरभ ने कहा। 'लेकिन किसी को गिफ्ट देना कब से क्राइम हो गया? हमें कोई पुख्ता सबूत चाहिए। वैसे भी किसी आर्मी अफसर पर इल्ज़ाम लगाना आसान नहीं है। जब तक हम कोई ठोस सबूत नहीं ले आते, राणा इस मामले को

छुएगा भी नहीं।' "तो हम क्या करें, भाई?" सौरभ ने कहा। अब वह टोस्ट पर जैम लगाने में व्यस्त हो गया था।

'तुम इतना खाना बंद करोगे? तुम्हारा वेट क्या हो गया है? 96 किलो?'

'95.5 किलो। खैर, नाश्ता दिन का सबसे जरूरी मील होता है, हमें नाश्ता ठीक से ही करना चाहिए।'

सौरभ ने टोस्ट खाते हुए कहा।

'गोलू, तुम तो दिन के सारे मील ठीक से ही करते हो।"

और तुम कुछ खाते ही नहीं।' 'मेरे दिमाग में एक प्लान है, जिससे हमें वास्तविक सबूत मिल जाएगा। वादा करो तुम ना नहीं कहोगे

ने

'ओके, लेकिन प्लान क्या है?' सौरभ ने एक और टोस्ट उठाते हुए कहा ।

।"

'पहले तो हमें दिल्ली चलना होगा, ' मैंने कहा 'और अभी तुम्हें यह करना होगा कि और टोस्ट खाना बंद

करो।'

"यह तो पागलपन से भरा प्लान है, मैं कभी इसका हिस्सा नहीं बनूंगा, सौरभ ने कहा। हमने अपनी सीटबेल्ट्स

बांध ली। हम श्रीनगर एयरपोर्ट के रनवे पर थे और दिल्ली की फ़्लाइट शुरू हो चुकी थी।

'यह इतना क्रेज़ी भी नहीं है, हम इसे कर सकते हैं। दरअसल, एक यही रास्ता है, जिसकी मदद से हम सबूत

हासिल कर सकते हैं।' "यह छोड़ो, तुम तो ये बताओ, जब हम दिल्ली पहुंचेंगे तो हमारी नौकरी सुरक्षित होगी या नहीं? हमारी छुट्टियां तीन हफ़्ते लंबी हो चुकी थीं।

'तुमने चंदन को मेरे स्टमक इंफ़ेक्शन के बारे में ईमेल किया था ना?" मैंने कहा। 'हां, किया था, लेकिन वह मेडिकल रिपोर्ट मांग रहा था। वो तो मैं ही बना दूंगा। श्रीनगर के किसी क्लिनिक का लोगा लेकर फेक लेटरहेड बनाऊंगा, उस पर अंग्रेज़ी में कुछ भी अस्पष्ट-सा लिख दूंगा, हो गया कामः'

'चंदन ने एक हफ्ते की छुट्टी बढ़ाने पर इतना ही कहा?" 'वो हॉस्पिटल बेड पर तुम्हारी एक फोटो भी चाहता था।"

"वो है कौन? हमारे हॉस्टल का वार्डन?" एयरहोस्टेस ने हमें सैंडविचेस सर्व कीं । मैं खिड़की से बाहर देख रहा था। इतनी ऊंचाई से देखने पर कश्मीर घाटी बहुत शांत दिखाई दे रही थी। लेकिन शायद वो इसलिए था, क्योंकि इतनी ऊंचाई से इंसान नहीं दिखते थे,

और इंसान ही तो अमन के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं।

"अब हॉस्पिटल के फोटो कहां से लाएं?"

"मैं कह दूंगा कि फोटो लेना भूल गया। या मेरा फ़ोन झेलम नदी में गिर गया। या फिर हॉस्पिटल वालों फोटो खींचने नहीं दिए। हू केयर्स? वैसे इतने एडवेंचर के बाद अब जाकर चंदन क्लासेस में दिन भर बैठने का मन

ने

नहीं हो रहा है।'

"एडवेंचर अभी खत्म नहीं हुआ है। हमें अभी भी कैप्टन के घर जाकर सबूतों का जुगाड़ करना है।'

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