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आधुनिक बनों पर पुरानी सभ्यता और संस्कृति को न भूलें

आधुनिक बनों पर पुरानी सभ्यता और संस्कृति को न भूलें

आज आधुनिकता का युग है
आज विज्ञान का युग है
नया भरा है उमंग मन में
और मन में भरा है विश्वास।
फिर भी जब सत्संग करेगा इंसान
मिलता है तब भगवान
आधुनिक बनों पर पुरानी सभ्यता और संस्कृति को न भूलें।
सदा चलेंगे हम सत्कर्म पथ पर
तब सुखद होगा हमारा संसार
हर पल कुछ नया सीखते है हम
प्रभु जी का करें आभार।
साथ मिलता है प्रभु जी का जब
तब होता है चमत्कार
आधुनिक बनों पर पुरानी सभ्यता और संस्कृति को न भूलें।
जीवन की सफलता तुम्हारें हाथों में ही है
बाधाओं से कभी भय नही खाना तुम
अगर सच्चाई के पथ पर मौत भी मिलें
तो भी तनिक घबराना नही तुम।
आज पल पल बढ़ रही है तृष्णा बहुत
भटक गया है सारा संसार
करें सदैव ध्यान प्रभु जी का
तभी सही दिशा मिलती है मानव जीवन को
आधुनिक बनों पर पुरानी सभ्यता और संस्कृति को न भूलें।

नूतन लाल साहू

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2 Comments

Sarita Shrivastava "Shri"

29-Jun-2023 02:45 PM

वाह! बेहतरीन सुन्दर विचार प्रस्तुति👌👌🌹🌹

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Babita patel

29-Jun-2023 02:43 PM

nice

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