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हाफ गर्लफ्रेंड

4कैफेटेरिया स्टूडेंट्स से भरा हुआ था। लंच ऑवर होने के कारण हमें टेबल मिलने में ही पाँच मिनट लग गए। कैफे में जूस नहीं था, लिहाजा रिया को लेमनेड से ही संतोष करना पड़ा। मैंने मिंस और कोल्ड कॉफी मंगाई। मैंने रियलाइज किया कि हम दोनों को ही बातचीत शुरू करने में दिक्कत आती थी। मैं इसलिए बातचीत की शुरुआत नहीं करता था. क्योंकि मुझमें काफिडेंस नहीं था। और वह जहाँ तक मुमकिन हो, चुप ही रहना पसंद करती थी। साइलेंट रिया, मैं

उसे इसी नाम से पुकारना चाहता था।

वेटर आया और हमें हमारा खाना दे गया।

"बिहार में हम आलू चॉप बनाते हैं, जिसमें हम कभी-कभी कीमा भी भर देते हैं। यह मिस भी वैसा ही है. मैंने

कहा।

"बिहार कैसा है? मैं कभी वहाँ गई नहीं, ' उसने कहा और अपने लेमनेड को सिप करने के लिए स्ट्रॉ से अपने होंठ लगा दिए।

'दिल्ली जैसा तो बिलकुल नहीं है। सिंपल बहुत सारे धान के खेत और पटना जैसे शहरों को छोड़ दें तो

पीसफुला

"मुझे पीसफुल जगहें अच्छी लगती हैं, ' उसने कहा।

"लेकिन वहाँ बहुत प्रॉब्लम्स भी हैं। लोग एजुकेटेड नहीं है। बायलेंस बहुत है तुमने तो सुना ही होगा। पुअर एंड बैकवर्ड स्टेट, जैसा कि लोग कहते हैं।'

'रिच और बैकवर्ड भी हुआ जा सकता है।" दो मिनट तक अजीब-सी खामोशी पसरी रही। साइलेंट रिया और डरा हुआ माधव।

'दीवार को तोड़ो, ' मैंने अपने आपसे कहा । 'तो तुम दिल्ली में अपनी फैमिली के साथ रहती हो।""

"हो। एक बड़ी फैमिली। पैरेंट्स, अंकल्स कजिन्स और एक भाई।"

'तुम्हारे पैरेंट्स क्या करते हैं, मैंने कहा।

लड़के को लड़की से इंट्रेस्टिंग बातें करनी चाहिए, लेकिन मेरे जैसे लूजर को इस मामले में न के बराबर तजुर्बा

या महारथ थी। "फैमिली बिजनेस रियल एस्टेट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर।'

"तुम रिच हो ना?" मैंने कहा। इडियट माधव, उसे इससे बेहतर कोई दूसरी बात नहीं सूझी थी।

वह मेरे इस डायरेक्ट सवाल पर हँस पड़ी। पैसों के मामले में रिच या फिर माइंड के मामले में ये दोनों अलग-

अलग चीजें हैं।" 'हुह, रिच यानी पैसेवाला होना।'

'अनफोर्म्युनेटली. हाँ।'

'अनफोर्म्युनेटली क्यों? सभी पैसेवाले होना चाहते हैं।' 'हाँ, शायद। लेकिन मुझे इससे दिक्कत होती है। प्लस, पैसों के लिए अंधी दौड़ और उससे जुड़ी हुई आपकी

पहचान, मैं इस सबको समझ नहीं पाती।'

मैं समझ गया कि मेरी और उसकी दुनिया अलग-अलग हैं। शायद मुझे उसके बारे में सपने संजोने बंद कर देने

चाहिए। प्रैक्टिकली, लॉजिकली, रैशनली, किसी भी तरह से इसमें कोई संस नहीं था। "कैन आई द्वारा गौर मिस?' उसने कहा 'मुझे भूख लग रही है।'

मैंने हामी भर दी। मैंने वेटर से एक और फोर्क लाने को कहा, लेकिन उसने मेरा फोर्क उठाया और खाना शुरू कर दिया। उसने मेरे फोर्क का इस्तेमाल किया था, क्या इसका कोई मतलब है?

"तुम्हारा घर कहाँ है?" उसने कहा। 'सिमराव पटना से तीन घंटे की दूरी पर मौजूद एक छोटा-सा कस्बा।'

'नाइस, ' उसने कहा।

"तुम्हें तो वह शायद बोरिंग लगे।" 'नहीं, नहीं, मुझे उसके बारे में और बताओ। जैसा कि तुम देख सकते हो, मैं ज्यादा बातूनी नहीं हैं। मुझे सुनना

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