द गर्ल इन रूम 105
अध्याय 29
"एयरपोर्ट?" सौरभ ने कहा। वह कंफ्यूज्ड दिखाई दे रहा था, सफदर और फ़ैज़ भी रघु चुपचाप बैठा अपने सामने की खाली कुर्सी को ताक रहा था।
'मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि यह सब क्या हो रहा है, सफ़दर ने कहा। रघु तो उस समय हैदराबाद के एक हॉस्पिटल में एडमिट था। मैंने उसके पैरेंट्स से भी चेक किया था।'
"राणा ने रघु के फ़ोन रिकॉर्ड्स भी हासिल किए थे। उस रात उसके सेलफोन टॉवर की लोकेशन अपोलो
हॉस्पिटल के नज़दीक की थी, ' सौरभ ने कहा ।
रघु हंस पड़ा। मेरी तरफ मुड़ा और बोला, 'ये लोग अब भी यकीन नहीं कर पा रहे हैं। देखा, मेरा प्लान कितना टाइट था?'
'इतना टाइट भी नहीं था।'
''भाई, मैं सीरियस हूँ। तुम हम लोगों को बताओगे कि यह सब क्या हो रहा है?" सौरभ ने कहा।
"क्या तुम्हारे फ़ोन में कोई ट्रैवल एप्प है?" मैंने कहा।
"क्लियरट्रिप और मेकमायट्रिप हैं। क्यों?"
"उनमें से कोई भी एक खोलो और फ़्लाइट्स सर्च करो। कल रात की फ़्लाइट, रूट हैदराबाद से दिल्ली और सौरभ अपने फोन पर कुछ सैकंड काम करता रहा।
फिर अगली सुबह वापसी।'
"यहां से वैसी रोज़ पंद्रह सीधी उड़ानें हैं, सौरभ ने कहा। "आखरी उड़ान कितने बजे की है? हैदराबाद से दिल्ली, मैंने कहा।
इंडिगो 67 66 रात 11:30 बजे हैदराबाद से चलती है और 1:10 बजे दिल्ली पहुंचती है, सौरभ ने कहा। मैंने सौरभ की ओर देखा और मुस्करा दिया।
आईआईटी चला गया।'
'बाऊ,' सौरभ ने कहा। 'अब समझा। इसने यह आखरी वाली फ्लाइट ली, दिल्ली पहुंचा और सीधे 'और रात के 1 बजकर 10 मिनट पर एयरपोर्ट से आईआईटी तक आने में आधे घंटे से भी कम समय लगा।' 'डैम, यानी यह इतनी देर के लिए हॉस्पिटल से बाहर निकल आया था, सौरभ ने रघु का गेमप्लान समझते
हुए कहा।
'येस, इसने अच्छा खेला ना?" 'ओह, ' सौरभ ने कहा । 'तो ज़ारा से तुम्हारी उस रात को हुई तमाम चैट्स उसके मरने के बाद की थीं?"
'ज़ाहिर है, मैंने कहा 'वो रघु था।' 'ओह, नो, ' सौरभ ने कहा और मुझे चिंतित नज़रों से देखा । 'नेवर माइंड, मैंने कहा । 'अब दिल्ली से हैदराबाद की पहली फ़्लाइट चेक करो।
'इंडिगो 65765... यह सुबह 4 बजकर 55 मिनट पर दिल्ली से उड़ती है और 7:05 बजे हैदराबाद पहुंचती "रघु सुबह-सुबह हैदराबाद में लैंड करता है, इसलिए एक बार फिर उसे किसी ट्रैफ़िक का सामना नहीं
है, सौरभ ने कहा।
करना पड़ता। वो आधे घंटे में अपोलो पहुंच जाता है। और 7 बजकर 45 मिनट तक अपने बेड में वापस।'
'ओह,' फ़ैज़ ने कहा। अब वो भी समझ गया था कि रघु ने यह कैसे किया। लेकिन सफ़दर चुपचाप बैठे रहे।
वे अभी तक सदमे में थे। "और इसका फ़ोन लोकेशन... ' सफ़दर ने कहा।
'ओह, हा, सौरभ ने कहा "राणा ने फोन टॉवर लोकेशन चेक की थी। इन फैक्ट ठीक 12 बजे रघु ने जारा को मैसेज करके विश किया था। राणा ने सोशल पर हमें इनकी चैट्स भी दिखाई थीं। '
'हो, मुझे पता है, ' मैंने कहा।
'एक्चुअली, भाई, तुम्हें शक कैसे हुआ?' सौरभ ने कहा। 'गोलू, तुम्हें याद है मैंने तुम्हें कहा था कि मैं ट्रिप पर जा रहा हूँटा 'हां, कोई एक हफ्ता पहले।'
'मैं हैदराबाद गया था।" 'क्यों?' सौरभ ने कहा।