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द गर्ल इन रूम 105

"ये उसे कैसे पता चला?' मैंने कहा।

"उसने सिकंदर का भरोसा जीत लिया था और उसे यकीन दिला दिया था कि वो उसके साथ है। तब सिकंदर ने उसको अपने इस ग्रैंड प्लान के बारे में बताया था कि वो किस तरह से भारत की राजधानी को दहला देना चाहता है। वो उसका साथ देने का दिखावा करती रही। वो उसे अपने साथ उस होटल में ले गया, जहां पर

कहा।

बंदूकें रखी थीं। ये तस्वीर उसी मौके की थी।" "यह तो मुझे भी लगा था कि इस तस्वीर में जारा की मुस्कराहट के पीछे कोई ना कोई वजह थी, सौरभ ने

"फिर क्या हुआ?' सफ़दर ने कहा। 'मैं अपने से ऊपर बैठे अफ़सरों को इस बारे में रिपोर्ट करना चाहता था, लेकिन जारा की एक शर्त थी। वह चाहती थी कि मैं इस साज़िश का भांडाफोड़ तो कर दूं, लेकिन सिकंदर को जाने दूँ, फैज़ ने कहा ।

"तब तुमने क्या किया?" मैंने कहा।

"तब मैंने अपनी पहली गलती की। मैं उसकी बात मान गया। मैं और करता भी क्या? मुझे उससे मोहब्बत हो गई थी, ' फ़ैज़ ने कहा। उसका चेहरा नीचे झुका हुआ था और वो सबसे आंखें मिलाने से बच रहा था। 'लव, माय फुट। तुम्हें सलमा का ख्याल नहीं आया? और अपने बच्चों का?' सफ़दर ने कहा। 'मैं उसे हमेशा से चाहता था। सलमा से निकाह करने से भी पहले। लेकिन तब वो केशव के साथ थी और

उसने मुझ पर कभी ध्यान नहीं दिया था। लेकिन जब वो कमज़ोर हो गई, तब जाकर मैं उसे हासिल कर पाया। 'कमजोर ?' मैंने कहा।

'तुम दोनों का ब्रेकअप हो गया था और इसके बावजूद तुम शराब पीकर उसे फोन लगाते और परेशान करते

थे। वो रघु को एक स्थायी साथी के रूप में चुन चुकी थी, क्योंकि उसे अपने जीवन में एक ठहराव चाहिए था।

लेकिन कभी-कभी उसे अपनी जिंदगी में एक रोमांच की कमी भी खलती थी। उसे वो रोमांच मुझसे मिला, और

वो मेरी हो गई, केवल कुछ समय के लिए।" 'तुमने जो किया, वो निहायत ही शर्मनाक था, सफ़दर ने कहा ।

फैज ने कोई जवाब नहीं दिया। 'तुम सिकंदर और उसकी बंदूकों वाली जो बात कर रहे थे, वो पूरी बताओ' मैंने कहा ।

'मैं अपनी आर्मी यूनिट से पांच जवानों को लेकर वहां गया और बंदूकों के जखीरे की पहरेदारी कर रहे दो

लोगों को मार गिराया। लेकिन मैंने निकंदर को जान-बूझकर जाने दिया।'

"फिर क्या हुआ?" मैंने कहा। 'हमने सभी बंदूकें और हथियार पुलिस को सौंप दिए। उन्होंने इसका पूरा क्रेडिट ले लिया। अगले दिन

हथियारों की धरपकड़ की बस एक छोटी-सी ख़बर आई।" 'तुम्हारी इन बहादुरी वाली हरकतों की वजह से ही उसने तुम्हें पसंद किया होगा, जबकि सिकंदर को जाने

देना अपने काम से गद्दारी थी, ' रघु ने फ़ैज़ की तरफ़ देखे बिना कहा। "उसने मुझे इसलिए पसंद किया, क्योंकि मैं सच में उसकी केयर करता था और उसको मुझसे वो पैशन और

अटेंशन मिलती थी, जिसको वो मिस करती थी. फैज़ ने कहा।

'जबकि तुम शादीशुदा थे,' रघु ने कहा।

फैज़ ने कोई जवाब नहीं दिया। "और कुछ फ़ैज़?" मैंने कहा।

'दूसरी गलती, मैंने पैसा लिया,' फ़ैज़ ने कहा और अपनी आंखें ज़ोर से बंद कर लीं, मानो उसे यह स्वीकार करने में बहुत तकलीफ हो रही हो । ‘सिकंदर ने मुझको गिफ़्ट के रूप में सोने के बिस्किट भेजे थे। मैंने उन्हें रख लिया। आर्मी की नौकरी से

आपको ज्यादा पैसा नहीं मिलता। मैंने सोचा कि अगर मेरा डायवोर्स हो गया तो मुझे सलमा को अपने हिस्से का बहुत कुछ देना होगा। तब सिकंदर के द्वारा दिया गया यह सोना मेरे और ज़ारा के लिए एक अच्छी जिंदगी बिताने के लिए काफी होगा।"

गद्दार ना केवल मेरे परिवार, बल्कि तुमने देश के साथ भी गद्दारी की सफ़दर ने कहा। 'मैं गद्दार नहीं हूं।' फ़ैज़ ने चिल्लाते हुए कहा 'मैंने अपने देश को एक बड़े आतंकवादी हमले से बचाया। और मैं सलमा को तलाक देने के बाद जारा से निकाह भी करता। मैंने हमेशा चीजें सही तरीके से कीं, लेकिन अब

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