लेखनी प्रतियोगिता -04-Jul-2023 "ग़ज़ल "
ग़ज़ल
सिखा कर प्रेम उसने मुझको ख़ुदा के नजदीक कर डाला।
ज़माने से हुई बेगानी ख़ुदा के दर का तश्रगी बना डाला।।
ख़बर अपनी नहीं मुझको ना जमाने की सुध ही रहती है।
मेरी नजरों को भी उसने खुदा का पाबंद बना डाला।।
शिक़वे और शिकायतों से ना अब मुझको वास्ता कोई।
मेरे दिल को भी तो उसने खुदा का पैमाना बना डाला।।
हरारत हर वक़्त रहती है मुझे उसी के एतबार की।
मेरे सर को भी उसने ख़ुदा के सदके में झुका डाला।।
मुझे कुछ भी नहीं मालूम कहां मैं किस दुनिया में रहती हूं।
मेरे चारों ओर उसने ख़ुदा का ख़ुशनुमा साया बना डाला।।
मधु गुप्ता "अपराजिता"
madhura
05-Jul-2023 09:47 AM
beautiful
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Madhu Gupta "अपराजिता"
05-Jul-2023 10:07 AM
Thank you so much🌹🌹
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Abhinav ji
05-Jul-2023 08:23 AM
Very nice 👍
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Madhu Gupta "अपराजिता"
05-Jul-2023 10:06 AM
Thank you so much🙏🙏
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Punam verma
05-Jul-2023 07:52 AM
Very nice
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Madhu Gupta "अपराजिता"
05-Jul-2023 10:06 AM
Thank you so much🙏🙏
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