वानी

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मुलाकात श्रेया से

                        चैप्टर 1

                   मुलाकात श्रेया से

कहते हैं एक औरत ही है, जो मोहब्बत शब्द को सार्थक बनाती है, एक औरत ममता और त्याग की मूरत होती है कुछ ऐसी ही है हमारी मीरा , ये कहानी है शौर्य और मीरा की जो स्कूल मे एक साथ पढ़ते थे, लेकिन ऐसा क्या हुआ की दोनो बिछड़ गए...कहां गई मीरा


भोपाल

एक 14 साल की लड़की, जिसके साथ एक 4 साल का लड़का था, वो लड़की ट्रेन मे बैठी पीछे छुटते शहर को देखते हुए केहती

"एक रिश्ते के लिए हर रिश्ता छोड़ कर जा रही हूँ,

माफ करना मै हर बंधन तोड़ कर जा रही हूँ"


"10 साल बाद दिल्ली"

ये एक घर था, बहुत बड़ा नही छोटा सा ही, उस घर के कमरे मे  एक औरत सो रही थी, जिसे देखने से लग रहा था की उसकी उम्र तीस या पेंतीस की होगी,क्योंकि उसके बाल हल्के सफेद से थे, और कॉटन का सूट पहना था,  बेड पर आराम से सो सो रही है, उसी के पास एक लड़का उसके पास में बैठा उसे घुर घुर कर देख रहा है जीसकी उम्र करीब 14 साल होगी वो उस औरत को हिलाते हुए कहता है "मोम उठो ना मुझे स्कूल जाना है लेट हो  जाएगा जल्दी करो"..

तभी वो औरत उठती है और उस लड़के को प्यार से गले लगाते हुए कहती है "तुम आज इतनी जल्दी कैसे उठ गए लाडले"

तभी राहुल कहता है "आज एक्सट्रा क्लास है इसलिए जल्दी जाना है" श्रेया उसे तैयार होने का बोलकर खुद नाश्ता बनाने चली जाती है थोड़ी देर में राहुल तैयार होकर आता है और नाश्ता करके स्कूल चला जाता है..

स्कूल में

राहुल जैसे ही स्कूल आता है सामने प्रिंसिपल सर खड़े होकर उसी का इंतजार कर रहे होते हैं..

प्रिंसिपल राहुल को घूरते हुए कहते हैं "राहुल तुम अपने पेरेंट्स के बिना स्कूल नहीं आ सकते"

राहुल सीरियस होते हुए कहता है "आपको जो बात करनी है मुझसे करिये"

प्रिंसिपल सर उसे घूरते हुए कहते हैं "तुमसे ज़्यादा बद्तमीज और बिगड़ा हुआ लड़का मैंने आज तक नहीं देखा तुम खुद को समझते क्या हो स्कूल को तुमने समझ क्या रखा है? और !ये कपड़े कैसे पहने है तुमने? ये स्कूल है कोई गुंडागर्दी करने की जगह नहीं जहाँ तुम मुंह उठा कर चले आते हो अगर स्कूल आना है तो अच्छे से तैयार होकर आना होगा और कल तुम अपनी माँ को लेकर आओगे अगर नही आए तो स्कूल से रस्टीकेट कर दिए जाओगे! नाओ गेट आउट

राहुल गुस्से में स्कूल से निकल जाता है और घर आ जाता है..


दुसरी तरफ एस एम सिंघानिया ग्रुप आफ कम्पनी

श्रेया !एस एम सिंघानिया ग्रुप ऑफ कंपनी में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करती थी, और आज वो लेट हो गई थी!

वो जैसे ही कैब से बाहर निकली तेजी से ऑफिस की तरफ बढ़ने लगी तभी एक ब्लैक बीएमडब्ल्यू उसकी तरफ तेजी से बढती है जिसे देखते ही श्रेया डर जाति है और अपनी आंखें बंद करके दोनो हाथ ऊपर करके खडी़ हो जाती है!  कुछ देर तक जब उसे कुछ भी महसूस नहीं होता तो वो अपनी एक आंख खोल कर देखती है तो सामने एक लंबा सा आदमी ब्लैक सूट में खड़ा उसे अजीब नजरो से घुर रहा होता है। श्रेया अपने आपको ऊपर से निचे तक देखती है और एकदम से खुशी से नाचने लगती है

"ये.....मैं मैं बच गई मुझे चोट नहीं लगी वोहो मजा आ गया" उसे ऐसे  नाचते देख वो आदमी एकदम उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खिचता है ,जिससे श्रेया उसके सामने खड़ी  हो जाती है वो अपनी पलकें झपकाते हुए उसे देखने लगती हैं

तभी वो आदमी बोलता है "इस उम्र में इतनी उछल कुद अच्छी बात नहीं है कहीं एक दो हड्डी इधर उधर हो गयी  तो इस उमर में जुड़ेगी भी नहीं"

इतना केहकर वो आदमी वहाँ से जाने लगता है श्रेया उसे जाते हुए आदमी को देखके एकदम से उसपर चिल्लाते हुए कहती है "तुम खुद को समझते क्या हो ,हां सड़क क्या तुम्हारे बाप की है क्या जो गलत  दिशा में चला रहे हो"

उसकी बात सुन वो आदमी एकदम से भड़कते हुए कहता हैं  "मेरी मर्जी मैं चाहे जिस भी दिशा में कार चलाऊँ आपको उससे क्या परशानी है ये सड़क अगर मेरे बाप की नहीं है तो आपके बाप की भी नहीं है समझी"

तभी मिरा गुस्सा करते हुए कहती है "एक कार क्या खरीद लिया 10-20 हजार की खुद को क्या कही का महाराज समझ रहे हो"

श्रेया की बात सुनकर वो आदमी एकदम से शॉक हो जाता है वो कभी अपनी कार को देखता तो कभी श्रेया को वो उससे पुछता है "तुम्हें उसकी कीमत भी पता है?"

तभी श्रेया झट से बोलती है "क्यू क्या हुआ मैने ज्यादा बोल दिया, उससे भी सस्ती है क्या? "

अब तो उस आदमी का मन कर रहा था की वो उसका सर दीवर में मार दे फिर भी वो अपने गुस्से को कंट्रोल करता है और थोड़ा नर्म लेहजे में कहता है "देखिये मैं आपकी उमर का लिहाज कर रहा हूं नहीं तो आप अभी यहाँ नजर भी नहीं आती"। इतना कहकर वो गुस्से में वहा से चला जाता है श्रेया बस उसे देखती रह जाती है..

फिर अचानक से उसे याद आता है की उसे देर  हो रही ह वो फिर अपना सर झटक कर अपने काम पर चली जाति है इस बात से बेखबर की उसकी आंखों ने किसी का चेन चुरा लिया था..

एस एम सिंघानिया कम्पनी..

"श्रेया जल्दी से कंपनी पहुंचती है वहा पहूँचने पर रिसेप्शन पर उसे एक लड़की मिलती है जो उसे काम समझा कर वहा से निकल जाती है"

फिर श्रेया अपना काम करने लगती है शाम को 6 बजे श्रेया अपना काम खत्म कर घर के लिए निकल जाती है तभी उसकी नज़र सामने बेकरी पर जाति वो सोचती है की "क्यू ना आज पार्टी की जाए" वो वहा से स्वीट लेने चली जाती है वो जैसे ही स्वीट लेकर वापस आ रही होती है वो किसी से टकरा जाति है!

कौन है श्रेया? श्रेया किस्से टकराई है? जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरी कहानी एक मां ऐसी भी मिलते हैं अगले चैप्टर में तब तक के लिए बाय बाय........

वानी

#कहानीकार प्रतियोगिता 

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5 Comments

RISHITA

07-Jul-2023 03:46 PM

Beautiful starting mam

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Saroj Verma

06-Jul-2023 11:52 AM

खूबसूरत शुरूआत💐💐💐💐

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Diya Jethwani

06-Jul-2023 11:44 AM

अच्छी शुरुआत...

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