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मोरे नैना तरसे रे!

मोरे.... नैना... नैना... नैना तरसे रे!

भीगें मौसम और भीगें हम
इन ख्यालों में डूबकर
आँखों में आंसू, आँसुओ में गम
कैसे जिये ऐसे टूटकर!
रहा ना जाये ये, सहा न जाये ये
कैसे संभाले दिल के जख्म रे
सूख गये हैं, तेरे इन्तेजार में आंसू आ जा परदेशी,
मोरे...नैना...नैना....  नैना तरसे रे!

कह भी नहीं सकते किसी से,
बात जो इस दिल में है
मुश्किल बड़ी है, आफत भी खड़ी है
कह नहीं सकते, मुश्किल में हैं।
सूखी पड़ी है, इस दिल की जमीं
काहे ना ये बैरी बादल बरसे रे
आ जा पिया मैं, खड़ा इंतज़ार में
मोरे... नैना..नैना... नैना तरसे रे!

काहे दिखाते हैं ख्वाब सुहाने
जब दूर जाना ही होता है
क्यों पोछते हैं आंखों के आंसू
इनको बहाना ही होता है
वजह बनते रोने की, जो हँसाये कभी
फिर क्यों दूर गए हमसे रे
आ जा इक बार जरा ओ पिया
मोरे.....नैना...नैना... नैना तरसे रे!

इक कहानी नई बुन लेंगे दोनों
साथ में हम मिलकर
दूर न जाना पड़े कभी इक दूजे से
साथ रहेंगे हम उम्रभर
इक बारी आ जा, बीती बातें भुला जा
तोहे बाहों में भरने को जिया धड़के रे
अब न तड़पाओ, दौड़े चले आओ पिया
मोरे.... नैना... नैना....नैना तरसे रे!

#MJ
#प्रतियोगिता

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17 Comments

बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ 👌👌

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Renu Singh"Radhe "

10-Oct-2021 10:11 PM

बहुत सुंदर रचना

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Thank you jii

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Niraj Pandey

10-Oct-2021 07:35 PM

वाह बहुत खूब👌👌

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Thank you 😀

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