Kiran Mishra

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लेखनी कहानी -09-Jul-2023

प्रतियोगिता- स्वैच्छिक

समय-समय की बात-

सहे बुरा-अच्छा सभी , जब तक रहता काम।
स्वार्थ पूरा हो गया, भूल गए तब नाम॥

किसकी-किसकी हम कहे, बहुतो का ये हाल।
मतलब की दुनिया हुई, देख हुए बेहाल॥

स्वार्थ जब तक ही रहे, करिये जय जय कार।
नीति यही है आज की, देख किरण लाचार॥

जो तरुवर छाया दिया, आज हुआ बेकार।
समय-समय की बात यह,नही करूँ इन्कार॥

जरा-जरा सी बात पर, होता बड़ा कलेश।
भूले रिश्ते को सभी, बचा नही कुछ शेष॥

किरण मिश्रा #निधि#

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4 Comments

Gunjan Kamal

10-Jul-2023 12:05 PM

👏👌

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Suryansh

10-Jul-2023 07:15 AM

सुन्दर सृजन

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Reena yadav

09-Jul-2023 11:14 PM

👍👍

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