हम फिर से तेरी राह पर चलने लगे हैं-12-Jul-2023
शीर्षक - हम फिर से तेरी राह पर चलने लगे हैं
तुम्हें क्या लगता था कि हम भूल जाएंगे?
ऐसा क्यों लगा तुम्हें कि हम भूल जाएंगे?
तुम्हें हम भुला ही नहीं पाएं कभी,
हम फिर से तेरी राह पर चलने लगे हैं।
तेरी यादें आज भी सीने से लगाकर रखते हैं,
तुम करो ना याद, पर हम तुम्हें याद करते हैं।
मर भी जाएं हम तो भी रहोगे तुम इस दिल में,
हम फिर से तेरी राह पर चलने लगे हैं।।
मिलो या ना मिलो हमसे यह मर्जी तुम्हारी,
बात करो हमसे या ना करो ये मर्ज़ी तुम्हारी।
हम तो करेंगे इंतज़ार तुम्हारा जीवन भर,
हम फिर से तेरी राह पर चलने लगे हैं।।
होंठों पर सदा रहेगा नाम तुम्हारा,
दिल में कायम रहेगा प्यार तुम्हारा।
मरकर भी तुम हमसे जुदा ना हो पाओगे,
हम फिर से तेरी राह पर चलने लगे हैं
शाहाना परवीन "शान"...✍️
मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)
प्रतियोगिता-आधे अधूरे मिसरे/प्रसिद्ध पंक्तियाँ
दिनांक: 10/07/2023
शाहाना परवीन "शान"...✍️
Shashank मणि Yadava 'सनम'
24-Jul-2023 12:54 PM
बहुत ही खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति
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