Priyanka06

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -14-Jul-2023 कुम्हार

शीर्षक-कुम्हार
माटी की मूरत ,गढ़ता सूरत, कहलाता कुम्हार।
कर से सहलाता, उसे पकाता, देता है आकार।।
रंगों से सजता, रूप निखरता, बसे हृदय संसार।
नव रूप बनाता,  उसे सजाता, फिर लाता बाजार।।

कितने की गुड़िया, पूछे दुनिया, करे मोल अब भाव।
दस पैसा माॅंगे, दुनिया भागे, लगे हृदय पर घाव।।
श्रमकण से गढ़ता, बलसय कहता, सुन लो मनुज पुकार।
जब रुपया आए, रोटी खाए, बसता मम संसार।।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया ✍️

   23
4 Comments

बहुत ही सुंदर और खूबसूरत शब्द संयोजन

Reply

Abhinav ji

15-Jul-2023 07:31 AM

Very nice 👍

Reply

Reena yadav

14-Jul-2023 09:04 PM

👍👍

Reply